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74वें असम पुलिस दिवस समारोह में शामिल हुए राज्यपाल आचार्य

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गुवाहाटी, 01 अक्टूबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज यहां काहिलीपारा स्थित चौथे असम पुलिस बटालियन में आयोजित एक समारोह में 74वें असम पुलिस दिवस समारोह में शामिल होकर पुलिस बलों को बधाई दी और पुलिस कर्मियों की अटूट प्रतिबद्धता के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य ने कहा, “असम पुलिस दिवस हमारे पुलिस बल की बहादुरी, समर्पण और बलिदान का उत्सव है। यह दिन उस प्रभावशाली यात्रा का भी प्रतीक है, जो असम पुलिस ने राज्य में शांति, कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए अब तक तय की है।” उन्होंने कहा कि असम पुलिस का लगभग 200 वर्षों का समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है।

असम पुलिस में जनशक्ति और जिम्मेदारी के संबंध में हुए बदलाव को बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि आजादी के समय असम पुलिस की संख्या सिर्फ आठ हजार थी। हालांकि, आज यह संख्या बढ़कर लगभग 70 हजार हो गई है। इसके अलावा, अपराध के बदलते स्वरूप के साथ, असम पुलिस की भूमिका भी नए युग के अपराध को रोकने और उन्हें जड़ से खत्म करने में बदल गई है। राज्यपाल ने कहा कि समय के साथ असम पुलिस ने जातीय दंगों, शरणार्थी मुद्दों, घुसपैठ और उग्रवाद सहित कई चुनौतियों का सामना किया है। हालांकि, असम पुलिस की प्रतिबद्धता, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ने इसे सभी चुनौतियों को पार करने और हर बार विजयी होने में मदद की है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में असम अपने विकास और प्रगति में नई सफलता की कहानियां लिख रहा है। राज्यपाल ने कहा कि अब असम पुलिस बलों के सक्रिय समर्थन से असम विकास और शांति के एक नए युग का गवाह बन रहा है। राज्यपाल आचार्य ने इस शांति और विकास का श्रेय असम पुलिस के निरंतर योगदान को दिया। उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने अपराध से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है। चार्जशीट प्रतिशत में भी सुधार हुआ है। यह असम पुलिस कर्मियों की प्रतिबद्धता और समर्पण का स्पष्ट संकेत है। असम में अपराध दर में गिरावट का ग्राफ वास्तव में राज्य में पुलिसिंग की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

असम पुलिस कर्मियों की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मामलों की जांच, मामलों का निपटारा आदि पुलिस बल की प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाता है। राज्यपाल ने कहा कि लगभग 200 वर्षों के समृद्ध इतिहास के साथ, असम पुलिस बल राज्य में शांति, कानून और व्यवस्था के संरक्षक के रूप में कार्य करना जारी रखा है। बल ने स्वतंत्रता के बाद से कई कमियों को सफलतापूर्वक निपटाया है और असम के लोगों की सेवा में अधिक मजबूत और सक्षम बनकर उभरा है।

राज्यपाल ने कहा कि असम पुलिस ने न केवल अपराध को नियंत्रित किया है, बल्कि हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी, अपराधियों को बेअसर करने, अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने और कानून तोड़ने वालों को न्याय के कटघरे में लाने में भी उत्कृष्ट कार्य किया है। बल साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से निपट रहा है, राज्य की प्राकृतिक विरासत की रक्षा कर रहा है और एक सींग वाले गैंडे के अवैध शिकार को रोक रहा है। राज्यपाल ने कहा, “मैं उनके अथक प्रयासों के लिए हर अधिकारी और सैनिक की भूमिका की सराहना करता हूं। आपके समर्पण और साहस ने लोगों का विश्वास अर्जित किया है।”

इस अवसर पर राज्यपाल के साथ पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान आईजीपी (प्रशासन) अखिलेश सिंह ने उपस्थित सभी पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई। इस अवसर पर विशेष डीजीपी हरमीत सिंह सहित असम पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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