ऑनलाइन सोशल मीडिया नोट्स बैन: केरल में छात्र अब वॉट्सऐप पर स्टडी नोट्स शेयर नहीं कर पाएंगे। इस फैसले को लेकर केरल शिक्षा विभाग का मानना है कि पढ़ाई क्लासरूम में होनी चाहिए, मोबाइल पर नहीं। इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि सोशल मीडिया पर न तो नोट्स भेजे जा सकते हैं और न ही उनका प्रिंट आउट लिया जा सकता है। हायर सेकेंडरी एकेडमिक ज्वाइंट डायरेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, यह देखने के लिए क्षेत्रीय उपनिदेशक स्कूल का निरीक्षण करेंगे।
कोविड-19 महामारी का असर खत्म होने के बाद यह फैसला लिया गया है। स्कूल बंद होने के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गई थीं। हालांकि उस समय ऑनलाइन कक्षाएं मददगार थीं, लेकिन अभिभावकों ने इसके कई दुष्परिणामों को लेकर बाल अधिकार आयोग से शिकायत की थी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस पर पुनर्विचार किया।
अब उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नोट्स वितरित करने से रोकें। इसके अलावा छात्रों को सीखने के अधिक पारंपरिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
हस्तलिखित नोट्स बेहतर क्यों हैं:
हाथ से लिखने के लिए विषय वस्तु के साथ सक्रिय जुड़ाव की आवश्यकता होती है जबकि टाइपिंग एक निष्क्रिय गतिविधि हो सकती है। लेखन आपको जानकारी के बारे में अधिक गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर करता है। हाथ से लिखने से कई इंद्रियाँ जुड़ती हैं – दृष्टि, स्पर्श और यहाँ तक कि कागज़ पर कलम की सूक्ष्म ध्वनि – जिससे मजबूत तंत्रिका मार्ग बनते हैं।
साथ ही, हस्तलिखित नोट्स टाइपिंग की तुलना में अधिक रचनात्मक स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। हस्तलेखन का सबसे बड़ा लाभ डिजिटल सूचनाओं से लगातार व्यवधान के बिना ध्यान केंद्रित करने की क्षमता है। हस्तलिखित नोट्स एक व्यक्तिगत सीखने का अनुभव और डिजिटल अधिभार से एक बहुत जरूरी ब्रेक प्रदान करते हैं।
You may also like
सजना संवरना बनी खूबसूरत पत्नी की मौत की वजह, पति ही निकला कातिल, जानिए पूरा मामला…..
मुझे बचाओ! जबरन शराब पिलाकर पति करता है घिनौना काम, अब अपने दोस्तों को भी…
पत्नी की सहेली ने पति के साथ कर डाला गंदा काम, दिखाई अपनी ऐसी चीज बहका और हो गया कांड….
सांसद को प्राइवेट पार्ट दिखाकर करने लगी गंदी बात, पत्नी को फोन देते ही फिर हुआ…