Top News
Next Story
NewsPoint

किसानों पर बयान देकर बुरी फंसी कंगना रनौत, कहा- मैं अपने शब्द वापस लेती हूं

Send Push

PC: tv9hindi

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाली मंडी की भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों पर अपनी हालिया टिप्पणी से राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने खुद ही भविष्यवाणी की थी कि उनकी टिप्पणी विवाद को जन्म दे सकती है। हालांकि, भाजपा ने तुरंत उनके बयान से खुद को अलग कर लिया और इसे निजी राय करार दिया। बढ़ते विवाद के बाद कंगना ने अपना बयान वापस ले लिया।

कंगना ने कहा, "हाल ही में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों को लेकर सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से इन्हें फिर से लागू करने का अनुरोध करना चाहिए। मेरी टिप्पणी से कई लोग नाराज हैं।जब ये आया था तब बहुत से लोगों ने समर्थन किया था, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने बड़े संवेदनशीलता से वापस ले लिया था। मेरे विचार मेरी निजी राय को नहीं बल्कि मेरी पार्टी के रुख को दर्शाने वाले होने चाहिए। अगर अपनी सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।"

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने स्पष्ट किया कि कंगना पार्टी की ओर से इस तरह के बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और उनकी टिप्पणी कृषि कानूनों पर पार्टी के रुख को नहीं दर्शाती है। इस बीच, विपक्षी दलों ने दावा किया कि उनके बयान से भाजपा के छिपे हुए एजेंडे का पता चलता है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनके बयान से बीजेपी का हिडेन एंजेडा सामने आ गया है। मामले पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए. साथ ही सरकार में सहयोगी जेडीयू ने भी कंगना के बयान का विरोध किया।

उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "भाजपा सांसद कंगना रनौत का दावा है कि तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का समय आ गया है। अगर हरियाणा में भाजपा की सरकार बनती है, तो वे इन काले कानूनों को वापस लाएंगे। मैं चुनौती देता हूं कि कांग्रेस हरियाणा में अगली सरकार बनाएगी और कोई भी ताकत इन कानूनों को फिर से लागू नहीं कर पाएगी।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "750 किसानों के बलिदान के बाद भी किसान विरोधी भाजपा और मोदी सरकार ने अपनी गंभीर गलती को स्वीकार नहीं किया है। तीनों किसान विरोधी कानूनों को फिर से लागू करने की बात चल रही है। कांग्रेस इसका कड़ा विरोध करती है। किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे अन्नदाता के लिए कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूकें सबका इस्तेमाल किया, ये भारत के 62 करोड़ किसान कभी भूल नहीं पाएंगे। हरियाणा सहित आगामी चुनावों में प्रधानमंत्री को संसद में किसानों को 'आंदोलन जीवी' और 'परजीवी' कहने वाली उनकी अपमानजनक टिप्पणी के लिए किसानों से करारा जवाब मिलेगा।"

अपडेट खबरों के लिए हमारावॉट्सएप चैनलफोलो करें

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now