नैनीताल न्यूज़ डेस्क।।
पर्यटन नगरी जहां भारतीय पर्यटकों की पहली पसंद बनती जा रही है, वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या यहां कम होती जा रही है। कोरोना महामारी के बाद नैनीताल में भारतीय पर्यटकों का आगमन बढ़ा है, जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2015 से सी-फॉर्म की मैनुअल व्यवस्था को खत्म कर इसे अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कर दिया है. होटल व्यवसायियों के मुताबिक इस सिस्टम से विदेशी पर्यटकों की जानकारी भरना मुश्किल हो जाता है। सरकारको सी-फॉर्म को सरल बनाना चाहिए। वहीं, कई मौकों पर विदेशी पर्यटकों को कमरे के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके साथ ही शहर तक पहुंचने के लिए बस, ट्रेन, हवाई यात्रा जैसी सुविधाओं का भी अभाव है। इन्हीं कुछ कारणों से हर साल नैनीताल में विदेशी पर्यटकों की संख्या घटती जा रही है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट का कहना है कि विदेशी पर्यटकों को शांतिपूर्ण माहौल पसंद है, लेकिन लगातार ट्रैफिक के कारण शहर में भीड़भाड़ बढ़ रही है। यही कारण है कि विदेशी पर्यटक नैनीताल आने से कतरा रहे हैं। यहाँ,
जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी का कहना है कि विदेशी पर्यटकों के अलावा भारतीय पर्यटकों के लिए नए पर्यटन स्थल बनाए जा रहे हैं। इसके तहत भालूगढ़, परिताल, हरिताल समेत अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई गई है।
वर्ष भारतीय प्रवासी
2019 9,24,341 9,571
2020 2,12,981 2,768
2021 3,25,626 633
2022 5,25,656 4,020
2023 7,76,526 7971
2024 7,33,000 5,610
नोट- साल 2024 का डेटा अगस्त तक का है।
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क।।
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