बिहार न्यूज़ डेस्क जिले में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनक्यूएएस प्रमाणीकृत को लेकर जिले के चयनित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर भवानीपुर और मकरमपुर का जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने निरीक्षण किया. डीपीएम ने बताया जिले के 44 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए 2 अक्टूबर तक का समय है. चिन्हित केंद्रों के कर्मियों को निर्देश दिया कि एनक्यूएएस के तैयारी के लिए चिन्हित किए गए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की पुन इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन, एवं सर्विस डिलीवरी एवं अन्य मनको की समीक्षा कर संस्थान का चयन किया जाना है.
उन्होंने बताया एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से प्राथमिक स्तर पर मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढेंगी. प्रमाणीकरण होने से स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए मिलने वाली सुविधाओं से स्थानीय लोगों का विश्वास स्वास्थ्य सुविधाओं पर बढ़ेगा. वहीं इसके दूरगामी परिणामों में हेल्थ इंडिकेटरों में भी वृद्धि होगी. मौके पर पंडोल प्रखंड के एमओआईसी, हेल्थ मैनेजर,सीएचओ, एवं पिरामल के ललन सिंह सहित उनकर्मी उपस्थित थे.
इस तरह होता है अस्पतालों का मूल्यांकन
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट, उसके बाद राज्य स्तरीय टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है राज्य स्तरीय टीम के संतुष्ट होने पर केंद्रीय टीम को जांच के लिए लिखा जाता है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन के लिए अस्पतालों का 12 मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है. इसके लिए अस्पताल द्वारा सेवा प्रदायगी, मरीज संतुष्टि, क्लिनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है. मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है.
12 तरह की सेवाओं पर दिखेगा असर
अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को सही मानते हुए डीपीएम ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थान को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने पर वहां मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर दिखता है. इससे ‘‘की इंडिकेटर परफोरमेंस’’ में बढ़ोतरी होगी. एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार होगा. पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होगा. केंद्र पर इंफ्रा का विकास होगा,जिसका सीधा असर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं का पड़ेगा. स्वस्थ माहौल का निर्माण होगा जो स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास के लिए जरूरी है.
मोतिहारी न्यूज़ डेस्क