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(अपडेट) 'अहिंसा परमो धर्मः' के साथ 'धर्म हिंसा तथैव चः' की भी बात करता है हिंदू धर्मः योगी आदित्यनाथ

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-मुख्यमंत्री ने भारत सेवाश्रम सिगरा में की मां दुर्गा की पूजा-अर्चना

-कानून से खिलवाड़ करने वालों को चेताया, बोले- विरोध का मतलब तोड़फोड़ या लूटपाट नहीं

वाराणसी, 07 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू धर्म किसी का अंत नहीं चाहता. वह ‘अहिंसा परमो धर्मः’ की बात कहता है, लेकिन वह ‘धर्म हिंसा तथैव च…’ की भी बात करता है यानी अहिंसा परम धर्म है, लेकिन राष्ट्र-धर्म की रक्षा और निर्दोषों को बचाने के लिए हिंसा करनी पड़े तो यह धर्मसम्मत मान्य है. यह आह्वान भारत का शास्त्र करता है. स्वामी प्रणवानंद ने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना के समय भी यही आह्वान किया था. दो दिवसीय वाराणसी दौरे में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारत सेवाश्रम संघ सिगरा में श्री श्री दुर्गा पूजा समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने यहां मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और महिलाओं को 100 सिलाई मशीन का भी वितरण किया. मुख्यमंत्री ने सभी आगंतुकों, अतिथियों व आमजन को शारदीय नवरात्रि की शुभकामना दी.

हम राष्ट्र की सुरक्षा व संप्रभुता के पक्षधर

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘अहिंसा परमो धर्मः’ का पक्ष कहता है कि हम सेवा के कार्य से जुड़ें. दीन-दुखियों की सेवा के लिए जीवन समर्पित करें, लेकिन एकता-अखंडता को कोई चुनौती देगा और सीमाओं का अतिक्रमण करेगा तो राष्ट्र की सुरक्षा-संप्रभुता, देश की रक्षा के लिए धर्म सम्मत हिंसा के पक्षधर भी हैं, जो जनता को सुरक्षा प्रदान कर सके और भारत को एक भारत-श्रेष्ठ भारत रख सके.

विरोध का मतलब तोड़फोड़ या लूटपाट नहीं

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर लोककल्याण के लिए हर जाति, मत, मजहब से जुड़े महापुरुषों का सम्मान होना चाहिए. कोई व्यक्ति किसी महापुरुष, योगी-सन्यासी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करता है तो वह दंड का भागी बनता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन विरोध का मतलब तोड़फोड़ या लूटपाट नहीं है. यह कतई स्वीकार नहीं हो सकता.

हिंदू धर्म के देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करता है एक तबका

सीएम योगी ने कहा कि एक तबका हिंदू धर्म के देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी, महापुरुषों को अपमानित व मूर्तियों को खंडित करना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लेता है. यदि किसी के द्वारा विद्वेष में कोई शब्द कहे जाते हैं तो उसे लेकर जमीन-आसमान एक करने का कुत्सित प्रयास होता है. मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि कानून को हाथ में लेने का दुस्साहस न करें. ऐसा करने वालों को कानून की गिरफ्त में आना ही होगा. अराजकता को बढ़ावा देने वाले से कानून सख्ती से पेश आएगा. सीएम योगी ने कहा कि हर मत, पंथ व संप्रदाय की आस्था का सम्मान है, लेकिन कानून को हाथ में लाने की स्वतंत्रता नहीं होगी. बाधा डालने वाले को कीमत चुकानी पड़ेगी.

बंगाल में असहाय दिखता है सनातन धर्म

सीएम योगी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के पूजन का अनुष्ठान है. पूरे देश में यह आयोजन हर्षोल्लास से हो रहा है. जिस बंगाल में जगतजननी मां भगवती के अनुष्ठान का शुभारंभ होता है, उस बंगाल में आज सनातन धर्म असहाय व असुरक्षित दिखता है. बंगाल राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत देने वाली भूमि है. भारत के बौद्धिक आधार देने वाली भूमि है. आजादी में तमाम महापुरुषों को देने वाली भूमि है. जिस बंगाल ने जगदीश चंद्र बसु, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी प्रणवानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसा सपूत भारत माता को प्रदान किया. आज उस बंगाल में क्या हो रहा है. वहां पर्व-त्योहार मनाने के लिए दस बार सोचना पड़ रहा है तो वहीं यूपी में हर्षोल्लास से त्योहार मनाए जा रहे हैं. कोई विघ्न डालने की कोशिश करता है तो उसको तुरंत ठीक कर दिया जाता है.

स्वामी प्रणवानंद का ध्येय राष्ट्रवाद था

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना पिछली सदी के प्रखर राष्ट्रवादी व सिद्ध संत स्वामी प्रणवानंद महाराज ने की थी. उन्होंने साधना से सिद्धि प्राप्त की. गुरु कृपा थी, लेकिन ध्येय राष्ट्रवाद का था. भारत सेवाश्रम संघ के साथ जुड़ा हिंदू मिलन मंदिर, जहां समग्र हिंदू समाज एक मंच पर आकर समस्या का समाधान कर सके. जब देश गुलाम था, आजादी के लिए छटपटाहट थी. उस समय पूज्य संतों ने अपनी दूरदर्शिता के कारण देख लिया था कि गुलामी का समाधान क्या होगा.

स्वामी प्रणवानंद का एक-एक पल हिंदु धर्म की रक्षा को समर्पित था

सीएम योगी ने कहा कि छुआछूत, अस्पृश्यता के खिलाफ और भारत की राष्ट्रवादी चेतना को जागृत करने के लिए स्वामी प्रणवानंद का अभियान अत्यंत अभिनंदनीय था. प्रणवानंद महराज ने एक-एक पल सनातन हिंदु धर्म की रक्षा, इसकी परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने व भारतीय संस्कृति को समर्पित किया था. भारत सेवाश्रम संघ का आश्रम वाराणसी में 1928 में स्थापित हुआ था. अगले चार वर्ष में यह अपना शताब्दी महोत्सव मनाएगा. 100 वर्ष की लंबी यात्रा गौरवशाली होने के साथ अपने मूल्यांकन का अवसर होता है.

स्वामी प्रणवानंद ने बाबा गंभीरनाथ से ली थी आध्यात्मिक दीक्षा

सीएम योगी ने कहा कि पूज्य स्वामी प्रणवानंद महराज ने 1912-13 में आध्यात्मिक दीक्षा गोरखपुर में सिद्ध संत योगीराज बाबा गंभीरनाथ से ली थी. वे उस समय मात्र छठी-सातवीं कक्षा के छात्र थे, जब बाबा ने उन्हें दर्शन देते हुए कहा था कि गोरखपुर आकर दीक्षा लो. बाबा ने कहा था कि जन्मजात सिद्ध है. प्रारंभ से ही सिद्धि प्राप्त हुई है, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया का पालन करते हुए दीक्षा दे रहा हूं. सीएम योगी ने बताया कि पूज्य स्वामी प्रणवानंद जी महाराज का फरीदपुर (बांग्लादेश) के अंदर का जो आश्रम है, वहां विधर्मियों ने तोड़फोड़ व लूटपाट का दुस्साहस किया, जैसे ही वे आश्रम से बाहर निकलते थे तो खून की उल्टियां शुरू हो जाती थीं, इसलिए वे बालबांका भी नहीं कर पाए.

भारत सेवाश्रम के अभियान को मिली सर्वत्र प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी प्रणवानंद ने जिस उद्देश्य से भारत सेवाश्रम संघ प्रारंभ किया, वह न केवल देश, बल्कि अनेक देशों में फैलकर उनके मूल्यों, आदर्शों का पालन कर आगे बढ़ते हुए कार्य कर रहा है. सेवा कार्य हो या राष्ट्रवाद के मूल्यों की स्थापना को लेकर देश की आजादी का आंदोलन या स्वतंत्र भारत में आपदा का सामना करने के लिए भारत सेवाश्रम संघ के सन्यासियों व स्वयंसेवकों ने सेवा से जुड़कर जो अभियान चलाया है. उसे सर्वत्र प्रतिष्ठा मिली है.

सेवा कार्यक्रम इसी तरह बढ़ता रहा तो भारत का कोई बालबांका नहीं कर पाएगा

सीएम योगी ने कहा कि आश्रमों के माध्यम से सेवा कार्यक्रम इसी तरह बढ़ता रहेगा तो भारत का कोई बाल बांका नहीं कर सकता. भारत आज मजबूत हाथों में है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की बड़ी ताकत बनकर उभरा है. 10 वर्ष पहले जो भारत 10वीं-11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था, वह आज पांचवीं और तीन वर्ष के अंदर भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. आर्थिक रूप से भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनाना है, लेकिन हमारे पास सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से समृद्ध विरासत भी है. इसके संरक्षण के लिए भी मिलकर कार्य करना होगा.

परंपरा व विरासत पर होनी चाहिए गौरव की अनुभूति

सीएम योगी ने कहा कि परंपरा व विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए. विरासत के प्रति सम्मान के भाव के कारण काशी विश्वनाथ धाम भी भव्य स्वरूप ले पाया और पांच सदी के इंतजार समाप्त होने के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बन सका. हमारे भीतर एकजुटता होनी चाहिए. संतों का आशीर्वाद होगा तो आने वाले समय में और सफलता प्राप्त होगी.

इनकी रही उपस्थिति

इस अवसर पर कोलिफोर्निया से आए भारत सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष स्वामी पूर्ण आत्मानंद जी महाराज, महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, अवधेश सिंह, विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र राय, पूर्व मंत्री शतरुद्र प्रकाश आदि मौजूद रहे.

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/ श्रीधर त्रिपाठी

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