नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ब्रोकरेज फर्म चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग पर निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने के आरोप में 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी के आदेश के मुताबिक चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग ने एक्सचेंज को ऑथराइज्ड पर्सन (एपी) से जुड़े क्लाइंट्स की सही जानकारी नहीं दी. बताया गया है कि ब्रोकरेज के ऑथराइज्ड पर्सन और क्लाइंट के बीच तीन मामलों में एपी सर्विसेज के लिए फंड की लेनदेन हुई. इस दौरान एपी टर्मिनल्स का इस्तेमाल अनऑथराइज्ड लोगों द्वारा किया गया.
सेबी के आदेश में जांच के परिणामों की जानकारी देते हुए बताया गया है कि ब्रोकरेज फर्म के ऑथराइज्ड पर्सन्स में से एक ने एक्सचेंज को 226 क्लाइंट्स की जानकारी नहीं दी, जबकि दूसरे ने 118 क्लाइंट्स की और तीसरे ने 7 क्लाइंट्स की जानकारी एक्सचेंज को उपलब्ध नहीं कराई. सेबी की जांच में इस बात का भी पता चला कि ब्रोकरेज फर्म के ऑथराइज्ड पर्सन्स में से एक ग्रो कैपिटल फाइनेंस सर्विसेज अपने क्लाइंट को फंड ट्रांसफर कर रहा था. हालांकि ब्रोकरेज फर्म की ओर से सफाई दी गई कि फंड ट्रांसफर का ये काम ऑथराइज्ड पर्सन ने पर्सनल कैपेसिटी में क्लाइंट के साथ किया था, जिसके लिए ब्रोकरेज फर्म को जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि सेबी के नियमों के तहत ऑथराइज्ड पर्सन को क्लाइंट के फंड और सिक्योरिटीज की किसी भी पेमेंट या डिलीवरी को स्वीकार करने से रोका गया है. इस नियम में कहा गया है कि ऑथराइज्ड पर्सन क्लाइंट से कोई भी फंड या सिक्योरिटीज कलेक्ट नहीं करेगा और एजेंट के रूप में मेंबर की ओर से दी गई सर्विसेज के लिए क्लाइंट से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई भुगतान या राशि नहीं लेगा. सेबी ने अपनी जांच में इसी नियम के उल्लंघन के कारण चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग पर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है.
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/ योगिता पाठक
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