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आईपीएस ने ईश्वरीय शक्ति पर उठाया सवाल, धर्मग्रंथों में वर्णन मात्र कल्पना

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जयपुर, 5 अक्टूबर . पुलिस मुख्यालय में तैनात आईजी मानवाधिकार किशन सहाय मीणा ने सभी धर्मों के भगवान और ईश्वरीय शक्ति पर सवाल उठाया है. आईपीएस ने कहा है कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है. अगर इनसे हमें हिम्मत मिलती है तो यह केवल हमारा भ्रम मात्र है. धर्म ग्रंथों में जिसका भी वर्णन कर रखा है, वह कल्पना मात्र की बातें हैं. किशन सहाय ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.

वीडियो में आईपीएस किशन सहाय ने कहा कि भारत में 98 प्रतिशत जनसंख्या धार्मिक दृष्टिकोण की है. विभिन्न धर्मों जैसे हिंदू, इस्लाम, बौद्ध, जैन,पारसी हैं. कुछ-कुछ यहूदी भी हैं. विश्व के लगभग सभी धर्म यहां पर मौजूद हैं. हर धर्म की सुप्रीम पावर यहां पर है. लेकिन इसके बाद भी अपने देश में वर्तमान में भी काफी विज्ञान तकनीक में पिछड़ा हुआ हैं. यानी कमजोर देश के रूप में ही है. इसलिए हमारे युवा भी बेरोजगारी झेल रहे हैं. क्योंकि हमारे रोजगार तो बाहर चले जाते हैं. साइंस टेक्नोलॉजी में पीछे रहने की वजह से और वर्तमान में हम देख रहे हैं कि जो देश धार्मिक दृष्टिकोण के हैं. वो पिछड़ रहे हैं. इजरायल और हमास के युद्ध का उदाहरण लें. हमास में इस्लामिक देश उनके साथ में हैं. यानी अल्लाह उनके साथ हो रहा है. इजराइल अमेरिका के साथ मिल कर विज्ञान और तकनीकी का इस्तेमाल कर के जीत रहा है. अल्लाह कोई मदद नहीं कर पा रहा है.

भारत को गुलामी से बचाने के लिए भगवान नहीं कर पाया मदद

मीणा ने कहा, इसी प्रकार भारत ने पहले गुलामी झेली थी, उस दौरान अरब, तुर्क और मुगल आए. यहां का भगवान कोई मदद नहीं कर पाया. गुलामी को नहीं बचा पाया. उसके बाद जब अंग्रेज आए तो उस दौरान भगवान के साथ-साथ हमारे साथ अल्लाह भी गुलामी को नहीं बचा सके. इतिहास से भी सीख सकते हैं कि ऐसी किसी शक्ति ने कभी हमारी मदद नहीं की. भगवान ने कभी किसी देश को गुलाम होने से नहीं बचाया है. जिन देशों के पास तकनीक और हथियार अच्छे थे. वही देश आगे बढ़ रहे हैं. इसका मतलब है कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड,जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है. अगर इनसे हमें हिम्मत मिलती है तो यह केवल हमारा भ्रम मात्र है.धर्मग्रंथों में जिसका भी वर्णन कर रखा है, वह काल्पनिक बाते हैं. तब विज्ञान की खोज नहीं हुई थी. लेकिन अब लोग जागरूक हो गए हैं. देश को आगे बढ़ाना है तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा. वर्तमान में वही देश आगे बढ़ रहे हैं, जो विज्ञान और तकनीक पर काम कर रहे हैं. चीन में 90 प्रतिशत लोग भगवान को नहीं मानते, लेकिन देश प्रगति कर रहा है. भारत में 98 प्रतिशत लोग धार्मिक है, उन्हें आगे बढ़ना चाहिए. लेकिन अपने बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं. विज्ञान में पिछड़ रहे हैं. गुलामी झेली है. किसी ईश्वर, अल्लाह, गॉड ने कोई मदद नहीं की.

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