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फर्स्ट नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता में लखनऊ विश्वविद्यालय चैंपियन, 51 हजार का ईनाम

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– डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विवि लखनऊ ने हासिल किया दूसरा स्थान

कानपुर, 06 अक्टूबर . छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में चल रही त्रिदिवसीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में रविवार को फाइनल राउंड के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने फस्र्ट नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता अपने नाम कर लिया.

वहीं दूसरे स्थान पर डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विवि लखनऊ की टीम रही. विजयी टीम को इलाहाबाद उच्च न्यायाल के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव, कानपुर देहात के जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी, राज्य परिवहन अपील अधिकरण लखनऊ के अध्यक्ष अरविंद कुमार मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अवनीश त्रिपाठी, कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने ट्रॉफी एवं नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी विधि संस्थान में रविवार को आयोजित फाइनल मुकाबले में दोनों ही टीमों ने अपनी–अपनी प्रतिभा का दमदार प्रदर्शन करते हुए तीखी जिरह करते हुए अपना–अपना पक्ष रखा. दो घंटे की तीखी बहस को सुनने के बाद न्यायपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए मूट कोर्ट रुम को स्थगित किया. इसके पश्चात सीनेट हॉल में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रतिभागियों को उनकी जिरह और तैयारी के लिए प्रसंशा की व उन्हें कोर्ट रुम के कौशल और तहजीब के बारे में अमूल्य शिक्षा प्रदान की. साथ ही उन्होंने मातृ भाषा की अहमियत पर भी चर्चा की.

उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपनी जिरह कि तैयारी अपनी मातृ भाषा में करने का प्रयत्न करें. न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी ने नौजवान अधिवक्ताओं के जिरह की प्रसंशा करते हुए बताया कि उनकी जिरह मे तथ्यों कि बहुल्यता एवं नवीनतम विधानों के प्रावधानों का उपयोग भी देखने को मिलता है.

अरविंद कुमार मिश्र ने तीन साल व पांच साल वाले विधि अध्ययन के मध्य अंतर बताते हुए न्याय की दैनिक जीवन मे मौजूदगी के बारे मे बताया. जिला एवं सत्र न्यायालय कानपुर नगर के न्यायाधीश प्रदीप कुमार सिंह ने गुरु के स्थान की छात्र के जीवन में महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अधिवक्ताओं के सामाजिक अनुभव के बारे में बात की.

कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने विधि क्षेत्र में नौजवानों एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये तथा नवीन अधिवक्ताओं को प्रौद्योगिकी के उपयोग को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिता के अंतिम परिणामों की घोषणा हुई. लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम को प्रतियोगिता के विजेता के रुप में 51,000 रुपए के साथ ट्रॉफी, सर्टिफिकेट एवं एसएससी आनलाइन की एक वर्षीय सदस्यता (72,000 रुपये मूल्य की) के साथ पुरुस्कृत किया गया. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ की टीम को प्रतियोगिता के उप-विजेता के रुप मे 21,000 रुपए के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया. इन्टीग्रल विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल के लिए 5,100 रुपए के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट, एनएलएसआईयू बंगलौर के छात्र आदर्श राज को सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता के लिए 5,100 रुपए के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट, लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा शैलजा सिंह को सर्वश्रेष्ठ वक्ता के लिए 5,100 रुपए के साथ ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया.

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/ अजय सिंह

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