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नशा उन्मूलन में सम्पूर्ण समाज की सहभागिता जरूरी: मंत्री कुशवाह

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– अच्छा काम करने वाली संस्थाओं को अनुदान की कमी नहीं आने दी जायेगीः कुशवाह

ग्वालियर, 8 अक्टूबर . नशा जैसी बुराइयों को दूर करने के लिये केवल सरकार के प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं, इसमें सम्पूर्ण समाज की सहभागिता जरूरी है. यह सर्वसत्य है कि यदि कोई व्यक्ति नशा करता है तो केवल उसके परिवार पर ही नहीं, सम्पूर्ण समाज पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसलिए समाज को नशा मुक्त बनाने के लिये सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे. इसी भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया है.

यह विचार सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने मंगलवार को मद्य निषेध सप्ताह के समापन दिवस पर यहां बाल भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुँवर सिंह जाटव ने की. इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, संत संतोषानंद गुरूजी, गायत्री परिवार के संभागीय प्रमुख अनंग पाल सिंह भदौरिया, विनोद शर्मा एवं संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय कृति दीक्षित मंचासीन थीं.

इस अवसर पर शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहित अन्य स्कूलों के बच्चों ने मनोहारी व भावुक कर देने वाले कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति देकर समा बांध दिया. कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा मद्य निषेध सप्ताह में अच्छा काम करने वाली संस्थाओं एवं सेवाभावी नागरिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को स्वयं नशा न करने और अपने घर, परिवार और समाज को नशा मुक्त करने में योगदान देने की शपथ भी दिलाई गई.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री कुशवाह ने कहा कि नशा मुक्ति के क्षेत्र में जो संस्थायें समर्पित भाव से अच्छा काम करेंगी, उन्हें सरकार अनुदान की कमी नहीं आने देगी. उन्होंने कहा कि हम सबको सदैव इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा जीवन केवल अपने लिए ही नहीं है. परमात्मा ने हमें परमार्थ करने की जिम्मेदारी भी दी है. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ हम सब मिलजुलकर नशा मुक्त समाज बनाने के लिये कार्य करेंगे तो उसमें सफलता अवश्य मिलेगी.

जिला पंचायत की अध्यक्ष दुर्गेश जाटव ने कहा कि नशा परिवार का विनाश करता है. जो पैसा बच्चों की परवरिश एवं परिवार के विकास में खर्च होना चाहिए था वह नशे में चला जाता है. इसीलिए सभी लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान में सहभागी बनें. इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं व बच्चों से कहा कि नशा नाश की जड़ है. सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य प्राप्ति का नशा यानि जुनून जरूर होना चाहिए.

संत संतोषानंद गुरूजी ने कहा कि नशा हमारे अस्तित्व व व्यक्तित्व को नष्ट कर देता है. इसलिए हमें नशे से सदैव दूर रहना चाहिए. कार्यक्रम में विनोद शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की विषय वस्तु पर हरिओम गौतम ने प्रकाश डाला. कार्यक्रम का प्रेरणादायी संचालन धर्मेन्द्र सेंगर ने किया.

बोलने-सुनने में असमर्थ बच्चों की मनोहारी प्रस्तुतियों ने किया भावुक

जन्म से ही बोलने व सुनने में असमर्थ बच्चों की मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने अतिथियों सहित कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भावुक कर दिया. शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय की दो मूक-बधिर बालिकाओं हिमांशी शर्मा व शिखा केन ने मोबाइल फोन के संकेतों के आधार पर “रंगीलो म्हारो ढोलना” गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया तो सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए. इसी विद्यालय के 14 मूक-बधिर छात्र-छात्राओं ने भारतीय समाज में सदियों तक रचे-बसे रहे, मगर अब विलुप्त प्राय: बचपन के पारंपरिक खेलों का मंच पर संजीव प्रदर्शन किया तो सभी को ऐसा लगा कि मानो उनका बचपन लौट आया है. यह प्रस्तुति अंकिता तिवारी, उज्ज्वल, दिनेश गौड़, अजय जादौन, कृष्णकांत धाकड़, रामू गुर्जर, रोहित गुर्जर, रमन साहू, योगेश शर्मा, अंकित शाक्य, पुष्पेंद्र कदम, ओमकार बघेल, भूमि गुप्ता व रंजना द्वारा दी गई. आरंभ में मंदिता शर्मा ने गणेश वंदना पर मनभावन प्रस्तुति दी.

तोमर

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