काठमांडू, 05 अक्टूबर . विश्व बैंक के साथ हुए समझौते के मुताबिक नेपाल को इस महीने के भीतर कार्बन की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये मिलेंगे. वन तथा पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार 2018 से 2024 तक तराई के 13 जिलों के जंगलों के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने के लिए नेपाल को यह राशि मिलने वाली है.
तराई भूमि परिधि कार्यक्रम के तहत मधेश के सर्लाही जिले में बागमती नदी से लेकर सुदूरपश्चिम प्रदेश के भारतीय सीमा में रहे महाकाली नदी तक 24 लाख टन कार्बन भंडारण के लिए नेपाल को 1600 करोड़ रुपये मिलेंगे. वन मंत्रालय के प्रवक्ता बद्रीराज ढुंगाना के मुताबिक अक्टूबर के अंत तक विश्व बैंक ने नेपाल को यह राशि भुगतान करने की सूचना दी है.
उन्होंने बताया कि जब विश्व बैंक के साथ शुरुआत में इस संबंध में समझौता हुआ था, तो यह सहमति बनी थी कि पैसा वन मंत्रालय अंतर्गत रहे वन विकास कोष के माध्यम से आएगा. लेकिन वित्त मंत्रालय ने देश के कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए इस तरह के फंड को किसी मंत्रालय में लाने के बजाए केन्द्रीय रिजर्व फंड में सीधे जमा करने की शर्त रखी है. वित्त मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि केन्द्रीय रिजर्व फंड में पैसा आने के बाद ही उसे वन विकास कोष में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. विश्व बैंक ने सरकार से इस मामले को स्पष्ट करने का अनुरोध करते हुए पत्राचार किया है.
विश्व बैंक के नियमों में कार्बन ट्रेडिंग से प्राप्त आय का 80 प्रतिशत स्थानीय लाभार्थी जनजातीय/आदिवासी समुदायों पर खर्च करने का प्रावधान है. वन मंत्रालय के प्रवक्ता ढुंगाना ने बताया कि इसके लिए सरकार ने एक योजना को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि 2018 में नेपाल की राष्ट्रीय रेड प्लस रणनीति, राष्ट्रीय वन आधार स्तर को विशेष रूप से कार्बन व्यापार के संबंध में मंजूरी दी गई थी. फिर 2019 से 2024 तक तराई क्षेत्र के 13 जिलों में कार्बन ट्रेडिंग के लाभों को साझा करने के लिए कार्बन उत्सर्जन न्यूनीकरण कार्यक्रम तैयार किया गया है
इस केंद्र के प्रमुख एवं संयुक्त सचिव नवराज पुडासैनी ने बताया कि कार्यक्रम 13 जिलों के 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया गया है. नेपाल के वन क्षेत्र से प्रति हेक्टेयर औसतन 167 टन कार्बन भंडारण किया गया है. संयुक्त सचिव पुडासैनी के अनुसार नेपाल के तराई क्षेत्र के 13 जिलों में कार्बन उत्सर्जन न्यूनीकरण कार्यक्रम चलाया गया है और 2028 तक कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जन को 34.2 मिलियन टन कम करने का लक्ष्य लिया गया है. पहले चरण में 2023 में मापे जाने पर 2.3 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कम किया जा चुका है.
/ पंकज दास
You may also like
ऊंचे विंध्य पर्वत पर घने जंगल के बीच वैष्णव रूप में विराजमान हैं मदारन माता
बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति एक्यूएम बदरुद्दोजा चौधरी का 94 वर्ष की आयु में निधन
Offbeat: क्या आज भी धरती पर अपना इलाज ढूंढ रहा है अश्वत्थामा, आखिर क्यों कहा जाता है कि वह अमर हैं
न्यूजीलैंड के खिलाफ हारने के बावजूद जेमिमा रोड्रिग्ज को मिला ये अवॉर्ड, हरमनप्रीत का दिल छू लेने वाला जेस्चर