Top News
Next Story
NewsPoint

रिजर्व बैंक की एमपीसी की समीक्षा बैठक शुरू, रेपो रेट यथावत रहने की संभावना

Send Push

मुंबई, 07 अक्‍टूबर . रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक यहां सोमवार को शुरू हो गई. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्‍यक्षता में अयोजित यह बैठक 9 अक्टूबर को खत्‍म होगी. इस बैठक के फैसले की जानकारी गवर्नर शक्तिकांत बुधवार, 9 अकटूबर को देंगे. हालांकि, इस बार भी नीतिगत ब्याज दर में बदलाव की संभावना नहीं है.

आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक रिजर्व बैंक इस बार भी नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. जानकारों का कहना है कि एमपीसी इस बार भी इजरायाल-ईरान जंग की हालात और अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुसरण नहीं करेगा, जिसने बेंचमार्क दरों में 0.5 फीसदी तक की कटौती की गई है. लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में होने वाली एमपीसी बैठक इसमें कुछ ढील की गुंजाइश है.

छह सदस्‍यीय एमपीसी नीतिगत दर करेगी फैसला

केंद्र सरकार ने एक अक्टूबर को मौद्रिक नीति समिति में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार सहित तीन नए बाहरी सदस्यों की नियुक्ति की है. रिजर्व बैंक के एमपीसी में 6 सदस्य होते हैं, जिनमें केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास सहित तीन सदस्‍य हैं, जिनमें डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव रंज शामिल हैं.

क्‍या होता है नीतिगत दर यानी रेपो रेट

रेपो रेट वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक किसी भी तरह की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसे उधार देता है. आरबीआई रेपो दर का उपयोग मौद्रिक प्राधिकरण मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करते हैं. इससे पहले अगस्‍त में हुई एमपीसी की बैठक में आरबीआई ने लगातार 9वीं बार नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखा है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया था, जो अभी 6.50 फीसदी पर है. कोविड-19 से पहले 6 फरवरी, 2020 को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर था.

————————————-

/ प्रजेश शंकर

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now