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बंगाल के स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल कॉलेजों में छात्रों ने की धमकी संस्कृति की शिकायतें

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कोलकाता, 03 अक्टूबर . पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग को हाल ही में राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों से छात्रों द्वारा ‘धमकी संस्कृति’ और परीक्षा प्रणाली में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. ये शिकायतें आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद दर्ज की गई हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

सभी शिकायतें राज्य सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति को भेजी गई हैं. यह समिति जूनियर डॉक्टरों के विरोध के बाद बनाई गई थी, जो इस समय ‘पूरी तरह से काम बंद’ कर चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हमें मेडिकल कॉलेजों में कथित ‘धमकी संस्कृति’, डराने-धमकाने की संस्कृति और परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ियों की कई शिकायतें मिली हैं. हालांकि, अभी हमारे पास सही आंकड़े नहीं हैं, लेकिन हमने सभी शिकायतें राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति को भेज दी हैं.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य के 25 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में से छह संस्थानों से शिकायतें आई हैं. उन्होंने कहा कि ये शिकायतें पिछले महीने के अंत से आने लगी थीं, जब जूनियर डॉक्टरों ने आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी फिर से शुरू की थी. कुछ शिकायतें सीधे राज्य के स्वास्थ्य सचिव को भेजी गई थीं और कुछ स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय को. वहीं, कई अन्य शिकायतें स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को भी भेजी गई थीं.

अधिकारी ने बताया कि कुछ शिकायतों का समाधान कर लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई की गई है. अब हमने सभी शिकायतों की एक सूची तैयार कर उसे निवारण समिति को भेज दिया है.

सूत्रों के अनुसार, नदिया जिले के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और जेएनएम अस्पताल में 40 छात्रों को उनके साथी छात्रों को धमकाने के आरोपों के चलते छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया और उन्हें केवल परीक्षाओं के लिए ही परिसर में आने की अनुमति दी गई.

जूनियर डॉक्टरों के विरोध के बाद, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के पांच छात्र डॉक्टरों को भी उनके दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोपों के चलते छह महीने के लिए निलंबित किया गया है.

/ ओम पराशर

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