Top News
Next Story
NewsPoint

ग़ज़ल - रीता गुलाटी

Send Push

फैसला खुदा तेरा, तेरी ही अदालत है.
सजदा हम करे तेरा, तेरी ही इनायत है। .

प्यार से लबालब हम, प्यार मे हमें जीना, 
प्यार तेरा लगता है, यार ये इबादत है। 

मानते खुदा तुमको,कर रहे इबादत भी,
हो गयी दिवानी भी,साथ अब मसाफत है.। 

खो  गयी  तन्हाई मे,डूबती  उदासी मे,.
कब खबर तुम्हे होगी,अब लगे अजीयत है। 

हाल दिल कहूँ कैसे,लाज भी मुझे आती.
दूर दूर रहकर भी करती *ऋतु मुहब्बत है। 
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़
 

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now