विश्वास जो न होता , संसार चल न पाता।
मिलते न फिर अपरिचित,परिणय न मुस्कराता।
परिवार की महत्ता , होती न ज्ञात हमको।
साथी न प्राप्त होता, सहयोग हेतु सबको।
ममता, क्षमा, दया सब, विश्वास ही सिखाता .......।
साथी बिना सदन का, अस्तित्व शून्य होता।
सपने मधुर सलोने, कोई नहीं सॅ॑जोता।
होता न यदि भरोसा, मन प्रीति क्यों जताता.......।
भाई, बहन , पिता , मॉ॑, को जन्म संग पाया।
मनमीत से हमारे , उर ने हमें मिलाया।
जीवन सफर सुहाना, विश्वास ही बनाता ..........।
--- मधु शुक्ला . सतना , मध्यप्रदेश
You may also like
'वीकेंड पर ही मिलती थी पत्नी', नहीं बन पाते थे शारीरिक संबंध, परेशान पति ने जो किया आप भी जानें….
आधी रात को बेड पर लेट कर पत्नी ने कह दी ऐसी बात, पति ने उठा लिया ये कदम.,,.
हर माता-पिता को अपने बच्चों का पालन-पोषण करते समय याद रखनी चाहिए ये बातें, देखें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य?
छत पर आकर प्राइवेट पार्ट दिखाते हैं ये लोग, महिला ने किया ऐसा खुलासा दहल गये लोग…