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Sirohi राइफल शूटिंग (10 मीटर) स्पर्धा में प्रतिभा दिखा रहे सरकारी स्कूलों के खिलाड़ी

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सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही प्रदेश में राइफल शूटिंग प्रतियोगिताओं में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अवसर देने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से तीन साल पहले की गई अच्छी पहल के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। संसाधनों और सुविधाओं की कमी के बावजूद सरकारी स्कूलों के बच्चे जिला व राज्य स्तर की राइफल एण्ड पिस्टल शूटिंग स्पर्धा में बेहतरीन प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और अपने स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं।राजसमंद जिले के काथ मदाड़ा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन ने तो राइफल शूटिंग अभ्यास के लिए स्कूल के बरामदे में दो ट्रोली मशीन लगाकर उसे शूटिंग रेंज में बदल दिया। इसके बाद किराए की राइफल लेकर सालभर स्कूल के खिलाड़ियों को निशानेबाजी का अभ्यास करवाया। परिणाम यह रहा कि स्कूल के एक खिलाड़ी का राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ है और वह वर्तमान में सिरोही जिले के आबूरोड में चल रही 14 वर्ष छात्र-छात्रा राज्य स्तरीय राइफल शूटिंग (10 मीटर) स्पर्धा में भाग ले रहा है। वहीं, गत वर्ष 17 व 19 वर्ष की ऐसी राज्य स्तरीय स्पर्धा में स्कूल के तीन खिलाड़ी भाग ले चुके हैं। अन्य सरकारी स्कूलों के बच्चे भी कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए राइफल शूटिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

जयपुर व उदयपुर में ही सरकारी शूटिंग रेंज

प्रदेश में मौजूदा समय में सरकारी राइफल शूटिंग रेंज सिर्फ जयपुर व उदयपुर में हैं, जहां पुख्ता सुविधाएं है। शेष 48 जिलों में सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी राइफल शूटिंग का अभ्यास खुले क्षेत्र में करने को मजबूर हैं। इसके लिए उनको राइफल भी किराए पर लेनी पड़ती है। कहीं-कहीं भामाशाह की मदद ली जाती है।

3.50 लाख तक की राइफल

शूटिंग के लिए काम आने वाली राइफल की कीमत 1.80 लाख से 3.50 लाख तक है। सरकार के स्तर पर सरकारी स्कूलों के बच्चों को राइफल उपलब्ध नहीं करवाई जाती। इतनी महंगी राइफल ये बच्चे खरीदने में सक्षम नहीं होते। ऐसे में वे किराए पर राइफल लेकर अभ्यास करते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान बच्चों को 10 से 12 हजार का भुगतान करना पड़ता है। आर्थिक रूप से ज्यादा कमजोर बच्चों को भामाशाह आर्थिक सहयोग करते हैं।

रैफरी क्लीनिक में शारीरिक शिक्षकों को प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग ने तीन साल पहले जब राइफल शूटिंग प्रतियोगिता को अपनी खेल सूची में शामिल किया, तब इस स्पर्धा के बारे में गहन जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण की नीति बनाई। इसके तहत नागौर में रैफरी क्लीनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया। जहां प्रत्येक जिले से दो-दो शारीरिक शिक्षकों को बुलाकर रायफल शूटिंग का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षकों ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया।

38 जिले के 534 खिलाड़ियों का जमावड़ा

आबूरोड के निकट पालनपुर मार्ग पर एक स्कूल में आयोजित की जा रही 14 वर्ष राज्य स्तरीय छात्र-छात्रा राइफल शूटिंग स्पर्धा में निजी और सरकारी स्कूलों के 534 छात्र -छात्रा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। जिसमें 31 निर्णायक अपनी भूमिका निभा रहे हैं। रणवीर सिंह राणावत, मनीष शर्मा, खुशवंत सिंह झाला व नरेंद्र सिंह शक्तावत आदि राष्ट्रीय स्तर के कोच इस स्पर्धा का हिस्सा है। शिक्षा विभाग को प्रतियोगिता आयोजन में स्कूल प्रबंधन का भरपूर सहयोग मिल रहा है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।14 वर्ष राज्य स्तरीय छात्र-छात्रा राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में निजी और सरकारी स्कूलों के 500 से अधिक बालक और बालिकाएं भाग ले रहे हैं। स्कूल प्रशासन का आयोजन में पूरा सहयोग मिल रहा है। शिक्षा विभाग का स्टाफ स्पर्धा के सफल आयोजन में जुटा हुआ है। प्रतियोगिता का समापन 2 अक्टूबर को होगा।

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