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Jodhpur हाल-ए-नगर निगम, चरमरा रही शहर की सफाई व्यवस्था

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जोधपुर न्यूज़ डेस्क,  जोधपुर 12 लाख की आबादी वाले शहर में दोनों नगर निगम में कुल 3700 सफाई कर्मचारी। इसमें से भी करीब 50 कर्मचारी मौखिक आदेश पर सरकारी अफसरों की कोठियों और कार्यालय में लगा रखे हैं। 92 सफाई कर्मचारियों से निगम के दफ्तर में बाबुओं का काम कराया जा रहा है। शेष बचे 3558 कर्मचारी फील्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। फिर शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, तो आखिर ये सफाई कर्मचारी कार्य कहां कर रहे हैं। निगम के जिन अधिकारियों पर शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी है वही लापरवाह बने हुए हैं। नियमानुसार सरकारी अफसरों की कोठियों पर निगम से सफाई कर्मचारी लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। निगम सूत्रों के अनुसार कलक्टर, एडीएम, चुनाव शाखा सहित कई सरकारी बंगलों और कार्यालयों में कार्य कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों को जोन के अनुसार वार्डों में लगाने का काम निगम की स्वास्थ्य शाखा का है, लेकिन जब इस बारे में निगम के स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जता दी।

इधर, ये हमारे शहर की सफाई के हाल: शहर की सफाई व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। इसके बावजूद नगर निगम का एक आंकड़ा काफी चौंका रहा है। दरअसल, गत वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने अपने कोटे से शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तकरीबन 20 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर निगम ने करोड़ों रुपए कहां खर्च कर दिए हैं। जिसका नतीजा जनता को मिल रहा है और न ही स्वच्छता सर्वेक्षण की आने वाली टीम को। आखिर ये रुपए खर्च कहां हो रहे हैं।

पार्षदों का आरोप-एवजी प्रणाली में कार्य हो रहा है

इस मामले में पार्षदों ने बताया कि वार्डों में सफाई कर्मचारियों की कमी है। किसी वार्ड में 15 की ड्यूटी है तो मौके पर 13 ही मिलते हैं। बहुत सारे एवजी लगे हैं। मूल कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आते। अपनी जगह भाड़े का कर्मचारी रखा हुआ है। महापौर और आयुक्त से कई बार कह चुके, लेकिन कोई समाधान नहीं है।

फैक्ट फाइल

निगम दक्षिण

कुल सफाई कर्मचारी - 1670

वीआईपी बंगलों में कार्यरत - 7

निगम कार्यालय में कार्यरत - 80

निगम उत्तर

कुल सफाई कर्मचारी : 1843

वीआईपी बंगलों में कार्यरत - 40

निगम कार्यालय में कार्यरत - 12

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