नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर बारिश में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत व पेचवर्क कार्य पूर्ण करें। { इंटरसेप्टर वाहन के लिए पुन: पत्र व्यवहार करें। { सड़क किनारे बिजली पोल, बबलू की झाड़ियां हटाए।
वल्लभ चौक से मानासर तक रोड़ लाइटें लगाई जाए। { क्षमता से अधिक सवारियां भरने पर कार्रवाई व वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाए।
डेह, रोल, पांचौड़ी व खरनाल क्षेत्र में ट्रोमा सेंटर के प्रस्ताव लिए।
2. बिना नंबरी वाहनों पर कार्रवाई...जबकि रुतबे और जाति लिखी गाड़ियां दौड़ रही हैं।
3. सड़कें दुरुस्त कर रहे हैं, जबकि कई जगह सड़कें टूटी हैं, अभी मरम्मत शुरू नहीं हुई। झाड़ियों में छुपा संकेतक। नागौर जिला सुरक्षा समिति की बैठक मंगलवार को हुई बैठक एक बार फिर औपचारिकता बनकर रह गई। गत 30 अगस्त को बैठक के 39 दिन बाद यह बैठक हुई थी, इसमें पिछली बैठक के प्रस्तावों को लेकर कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने प्रगति रिपोर्ट मांगी तो अफसरों के पास कोई जवाब नहीं था।
इसके बाद फिर से वो ही प्रस्ताव लिए गए जो साल भर से कागजों में ही चल रहे हैं। परिवहन विभाग, डिस्कॉम, चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने सफाई में आंकड़े गिनाते हुए जवाब पेश किए। सड़क पर बिजली पोल लगे होने के मामले में डिस्कॉम ने अनुपालना रिपोर्ट ही नहीं दी। कई मामलों में अधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि हमने संबंधित को निर्देश दिए हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि सारे निर्देश ही देते रहेंगे तो काम कौन करेगा। मुझे रिपोर्ट चाहिए कि कौन काम कर रहा है और कौन नहीं।कलेक्टर ने बाल वाहिनियों की अनियमितता, ओवरलोड वाहन, सड़क किनारे उगी झाड़ियों व बिजली पोल हटाने को लेकर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। बैठक में सामने आया कि नागौर में हर महीने हादसों के कारण औसत 30 मौतें हो रही हैं। शहर में लगे अभय कमांड के कैमरे भी सही ढंग से संचालित नहीं हो पा रहे हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अवैध रूप से संचालित वाहनों, बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों, काले शीशे लगे वाहनों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई की जाए।
जरूरत पड़े तो लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई करे। मगर हकीकत ये है कि यातायात नियम तोड़ने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। न ही एनएच, पीडब्ल्यूडी टूटी सड़कों को दुरुस्त कर रहे । स्थिति ऐसी है कि सबसे ज्यादा शहर के लोग बेसहारा पशुओं के कारण असुरक्षित है। परिवहन विभाग ने गत वर्ष 10765 रिफ्लेक्टर लगाए तथा इस वर्ष 5317 रिफ्लेक्टर लगा चुके है। लेकिन काले पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट तक नहीं लगाए। जिस कारण से रात में ये पशु नजर भी नहीं आते है। जो हादसे का कारण बनते है। इसके साथ ही कलेक्टर ने जेएलएन अस्पताल के सामने स्पीड ब्रेकर व संकेतक बोर्ड लगवाए, क्षमता से अधिक सवारियां भरने वाले वाहन चालकों एवं बाल वाहिनियों पर आवश्यक कार्रवाई करने, डंपर, ट्रकों एवं ट्रैक्टर ट्रॉली के पीछे रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए। बैठक में सदस्य सचिव एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग वृत नागौर के अधीक्षण अभियंता बस्तीराम डिडेल ने गत बैठक की कार्यवाही एवं प्रगति रिपोर्ट से अवगत करवाया। नागौर. अजमेर रोड पर सड़क किनारे झाड़ियां व बिजली के पोल।
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