धौलपुर न्यूज़ डेस्क, धौलपुर अपने हक के लिए आवाज उठाना कतई गलत नहीं माना जाता है। लेकिन उठती आवाज का दबाना और लोगों को परेशानियों के फंवर में फंसाना इंसानियत के नाम पर कतई स्वीकार्य नहीं है। राजाखेड़ा बाईपास स्थित आधा दर्जन कालोनीवासी नगर परिषद के झूठे आश्वासन और अधिकारियों के अकर्मण्य कार्य के चलते नित रोज नई परेशानियों का सामना कर रहे हैं।आलम यह है कि विरोध प्रदर्शन, जाम, ज्ञापन और आयुक्त के आश्वासन के बाद भी आज भी यह लोग नरकीय माहौल में जीने को मजबूर हैं। लेकन नगर परिषद के अधिकारी ठीठ बने बैठे हैं। राजाखेड़ा बाईपास स्थित आधा दर्ज कालोनीवासी पिछले कई महीनों से गंदगी और जलभराव की समस्या से पीड़ित हैं। जिसको दूर करने नगर परिषद के कई चक्कर काटे, जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या को हल करने वाला तो दूर उनकी फरियाद तक को नहीं सुना जा रहा। आज इन कालोनियों की हालत ऐसी है कि कोई पैदल भी इन गलियों से नहीं निकल सकता। सडक़ों पर पहले से ही हो रहे जलभराव के ऊपर नगर परिषद के कर्मचारियों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर सडक़ों तक को खोद डाला और मलबा वहीं छोड़ दिया। सड़कें दलदल के रूप में दिखाई देती हैं।
घरों में बैठ रहा पानी
पिछले कई दिनों से जलभराव से जूझ रहे गोविंद वाटिका क्षेत्र के लोगों की परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। जलभराव के कारण अब गंदा पानी रहवासियों के मकानों में बैठने लगा है। जिससे कई घरों में सीड़न तक आ गई है। लोगों का कहना है कि बड़े मशक्कत के चलते तो घर बनाए जाते हैं लेकिन नगर परिषद की कार्यशैली के कारण आज हमारे घरों पर ही संकट मंडराने लगा है। नालों का गंदा पानी हमारे मकानों में बैठ रहा है।
आवाज उठाने के बदले दिया नोटिस
परिषद के बदले की कार्रवाई शहर में देखने को मिल रही है। जहां राजाखेड़ा बाईपास स्थित एक मैरिज होम के संचालक को अपने हक की आवाज उठाने पर नोटिस थमा दिया गया। तो वहीं जगदीश तिराहा स्थित एक दुकानदार के जुर्माना न भरने पर उसके दुकान के सामने कचरा पटक दिया गया। मैरिज होम संचालक का कहना था कि उन्होंने क्षेत्र में फैल रही गंदगी और जलभराव को लेकर परिषद के खिलाफ आवाज बुलंद की तो मुझे नोटिस थमा दिया गया।