टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक के देवपुरा में एक ही स्कूल में 25 साल तक पढ़ाने वाले और समझाइश कर गांव में शराब बंदी करवाने वाले शिक्षक अनिल भारद्वाज सोमवार को जब सेवानिवृत्त हुए तो विदाई समारोह में बड़ी संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े। एक महान शिक्षक के साथ-साथ एक बेहतर इंसान और लोगों को शराब की लत से मुक्ति दिलाने वाले गुरु को अपने से दूर जाते देख लोगों की आंखें नम हो गईं।
स्कूल के बच्चे ही नहीं, पूरा गांव उन्हें सेवानिवृत्ति पर विदाई देने उमड़ पड़ा। हर घर में पगड़ी बांधी गई। उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया गया। इतना स्नेह देखकर शिक्षक भारद्वाज भी भावुक हो गए।
गौरतलब है कि शिक्षक अनिल भारद्वाज देवली के रहने वाले हैं। वे वर्ष 1999 से देवड़ावास पंचायत के राजकीय माध्यमिक विद्यालय देवपुरा में पदस्थापित थे। शुरुआती दिनों में वे राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर नयागांव के पास बस से उतरते थे और फिर करीब 5 किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंचते थे। उस समय विद्यालय भवन नहीं होने के कारण वे माताजी मंदिर के पास स्थित नीम के पेड़ के नीचे बैठकर बच्चों को पढ़ाते थे। वर्ष 2000 में विद्यालय भवन स्वीकृत हुआ। शिक्षक अनिल भारद्वाज का सफर जारी रहा। गुरु भारद्वाज ने गांव के लोगों को 1 से 100 तक तथा क, ख, ग, एबीसीडी तक की शिक्षा दी। उनके द्वारा पढ़ाए गए 25 लोग विभिन्न सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं। पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी एवं देवड़ा वास सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य जयकुमार जैन ने बताया कि शिक्षक भारद्वाज पिछले 25 वर्षों से कार्यरत थे तथा शिक्षक ने गांव में शैक्षणिक उत्थान, नामांकन एवं शराबबंदी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यही कारण है कि सरकारी सेवा के अंतिम दिन शिक्षक की विदाई के समय पूरे गांव में अलग ही माहौल था।
You may also like
मैले-कुचैले कपड़ों को कूट-कूटकर नए जैसा बना देंगी ये Washing Machine, अमेजन सेल में 38% कम पर लगी बंपर सेल
Kolkata rape case: आरजी कर मामले में डॉक्टर आज से फिर हड़ताल पर, कहा- हम निराश हैं नाराज हैं
टिम साउथी ने न्यूजीलैंड टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ी
महिला टी20 विश्व कप 2024: ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत ने अभ्यास मैचों में दर्ज की जीत