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Jhalawar 58 महिलाओं ने कौशल विकास प्रशिक्षण में मोटे अनाज के उत्पादन की जानकारी ली

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झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़ की ग्रामीण एवं शहरी महिलाओं के लिए ’’कृषि में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’’ की ओर से उद्यमिता विकास विषय पर 5 दिवसीय कौशल विकास संस्थागत प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इसमें 58 महिला प्रशिक्षणार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. मौहम्मद युनुस ने बताया कि इस कौशल विकास प्रशिक्षण में जिले की 58 महिलाओं ने भाग लेकर स्वयं का रोजगार स्थापित करने की इच्छा जाहिर की है, साथ ही कृषि क्षेत्र में होने वाले प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन की ओर से तैयार उत्पादों की पौष्टिकता के बारे में भी विस्तारपूर्वक अवगत कराया। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. एम. एस. आचार्य, पूर्व अधिष्ठाता, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, झालावाड़ ने मोटा अनाज के उत्पादन एवं उनमें होने वाले मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण के बारे में सैद्धांतिक सत्र आयोजित किया। इसमें उन्होंने रागी, क्विनोआ, बाजरा, ज्वार इत्यादि के बारे में विस्तार से पोषणयुक्त जानकारी दी। प्रायोगिक सत्र में उन्होंने रागी के लड्डू, सलाद, पुलाव इत्यादि उत्पादों के बारे में सिखाया एवं उपस्थित प्रतिभागियों को समूह बनाकर स्वरोजगार शुरू करने की सलाह भी दी। लड्डूलाल मीणा, निदेशक, पीएनबी-एफटीसी, झालरापान ने महिलाओं को प्रसंस्करण की ओर से उद्यमिता विकास में सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

महिलाओं को किया प्रोत्साहित
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अहमद हसन कुरैशी, प्रशासनिक अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, झालावाड़ ने प्रतिभागियों को स्वास्थ्य एवं पोषण का महत्व समझाते हुए प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया, अमीर अली, डीपीएम, राजीविका, झालावाड़ ने स्वरोजगार में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन की भूमिका के बारे में बताते हुए प्रतिभागियों को अपना खुद का स्वरोजगार शुरूकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया,जिले की महिला उद्यमी विमला देवी ने प्रशिक्षणार्थियों को ज्वार एवं बाजरा के लड्डू, बिस्किट, स्नेक्स, इत्यादि उत्पाद बनाकर सिखाया।

महिला उद्यमी सोनिया जैन ने कुसुम की खेती के फायदे बताए
पीएनबी-एफटीसी, झालरापाटन शादमा खान ने सोयाबीन से दूध, बड़ी एवं आँवले में प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन की ओर से आँवला कैंडी, आचार, मुरब्बा एवं जैम बनाने की प्रायोगिक जानकारी दी। जिले की महिला उद्यमी सोनिया जैन ने कुसुम की खेती कर प्रसंस्करण कुसुम की चाय, मक्के का आटा, सूरजमुखी का तेल इत्यादि तैयार करने की प्रायोगिक जानकारी उपलब्ध कराई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में केन्द्र के सभी कर्मचारी डॉ. योगेन्द्र कुमार मीणा, डॉ. सेवाराम रूण्डला, सुनिता कुमारी, राहुल साँखला, दिनेश चौधरी एवं रावे स्टूडेंट्स ने सहयोग प्रदान किया।

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