चार विभागों की यह है स्थिति
शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग में 2000 शिक्षकों व अन्य कर्मचारी डेपुटेशन पर हैं। इनमें तृतीय श्रेणी शिक्षकों का डेपुटेशन सबसे ज्यादा है। सबसे बड़ी वजह है कि 6-7 साल से तबादले खोले ही नहीं गए। हर सरकार का एक ही जवाब रहता है कि जिलों के बीच का अपना-अपना मामला है, लेकिन जिलों के अंदर भी तबादले नहीं किए गए। इनमें बड़ी संख्या में शिक्षकों से उपखंड कार्यालयों, कलेक्ट्रेट, इलेक्शन सहित अन्य स्थानों पर बाबुओं का काम कराया जा रहा है। कई संगठन इसका विरोध भी करते रहे हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत जिलों में काफी संख्या में डॉक्टर्स भी डेपुटेशन पर हैं। ऐसे डॉक्टर 2000 से अधिक है। गहलोत सरकार में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने डेपुटेशन से हटाने का अभियान भी चलाया था, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी उसे खत्म नहीं कर पाई थी। आज भी कमोबेश यही स्थिति है। हालांकि विभाग में डॉक्टर्स के अलावा अन्य कर्मियों की भर्ती होने से थोड़ी राहत है, लेकिन नर्सिंगकर्मियों की बड़ी संख्या भी डेपुटेशन पर मुख्यालयों में लगी है।
राजस्व विभाग : यहां 500 से अधिक कर्मचारी उपखंड कार्यालय, कलेक्ट्रेट से लेकर अन्य कार्यालयों में लगा दिए गए हैं।
पंचायती राज-ग्रामीण विकास : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में डेपुटेशन पर लगे कर्मचारियों की संख्या 350 से अधिक है। इनमें जिला परिषदों में 150 से अधिक और पंचायती राज में 200 से अधिक कर्मचारी डेपुटेशन हैं। ये कर्मचारी जिला परिषद, पंचायत समिति, जिला मुख्यालयों पर लगे हैं।
सबसे कम पीडब्लूडी विभाग के कर्मचारी डेपुटशन पर
चिकित्सा विभाग में लगभग 2000
शिक्षा विभाग में लगभग 2000
पंचायती राज विभाग में लगभग 350
राजस्व विभाग में लगभग 500
कृषि विभाग में लगभग 150
आयुर्वेद विभाग में लगभग 200
आईटी में लगभग 150
पीएचईडी में लगभग 250
पीडब्लूडी में लगभग 120
7 साल से ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं, सरकार अपने चहेतों को डेपुटेशन पर भेज रही है शिक्षा विभाग में चार सत्रों से तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदों की डीपीसी रुकी है। कर्मचारी मूल पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पदोन्नतियां न होने से ही शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण गत 7 वर्ष से नहीं किए गए तथा सरकार अपने चहेतों के डेपुटेशन पर भेज रही है। ऐसे में शिक्षा विभाग में सरकार को एक विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।