अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर पन्द्रह साल पहले सीवरेज लाइन डालने के दौरान जान गंवाने वाले युवक की वृद्धा मां मृत बेटे को न्याय दिलाने के लिए सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही है।बीते 15 साल से उसे मुआवजा दिलाने का दिलासा तो मिला लेकिन उसका भरोसा तब टूट गया जब उसे पता चला कि मुआवजे के मामले में ठेकेदार से सांठगांठ कर प्रकरण को श्रम विभाग में प्रस्तुत ही नहीं किया गया। एक साल पहले सच सामने आने पर वृद्धा की तो आस ही टूट गई। लेकिन इसके बावजूद उसने हार मानने की बजाय लड़ने की ठान ली। उसने राज्य सरकार के सपर्क पोर्टल 181 से लेकर जिला कलक्टर, पुलिस कप्तान तक फरियाद की लेकिन फिलहाल मामला आगे नहीं बढ़ा है।
मलबे में दबने से गई थी जान
बीर हाल ब्यावर विद्युत नगर निवासी पुष्पादेवी ने बताया कि 22 सितबर 2009 को बीर निवासी ठेकेदार शंकरलाल रावत के अधीन काम करने वाले पुत्र दीपक की अजमेर गुलाबबाड़ी में सीवरेज लाइन डालने के दौरान मलबे में दबने से मौत हो गई। उसकी अप्राकृतिक मौत का केस अलवरगेट थाने में दर्ज हुआ।
सपर्क पोर्टल पर की शिकायत
पीड़िता ने बताया कि चौदह साल बीतने के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने पर उसने 4 अक्टूबर 2023 को राजस्थान सपर्क पोर्टल 181 पर परिवाद दर्ज कराया। जिसमें उसे अजमेर लेबर कोर्ट जाने की जानकारी दी गई। वह लेबर कोर्ट पहुंची तो वहां उसका केस रजिस्टर्ड ही नहीं मिला।
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