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सीएसए ने रचा इतिहास, विकसित किया बीमारी अवरोधी जौ

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कानपुर,09 अक्टूबर (हि.स.)। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर ने नया जौ की नवीनतम प्रजाति विकसित है। इस प्रजाति का जौ जलवायु अनुकूलन एवं बीमारी अवरोधी है। यह जानकारी बुधवार को विश्वविद्यालय के जौ निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डा.विजय कुमार यादव ने दी।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जौ की नवीन प्रजाति आजाद जौ 34 (के बी 2031) विकसित की गई है। इस जलवायु अनुकूलन एवं बीमारी अवरोधी जौ की प्रजाति को अक्टूबर 2024 को केंद्रीय प्रजाति विमोचन समिति ने रिलीज हेतु संस्तुति कर दिया है।

डॉक्टर यादव ने बताया कि इस समय देश में 6.28 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल पर 30.4 कुंतल उत्पादकता के साथ 19.2 लाख मैट्रिक टन उत्पादन हो रहा है जबकि प्रदेश में 1.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 5.82 मेट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है। इसकी उत्पादकता 34.13 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।

ऊसर भूमि के लिए सावित होगा लाभकारी

डा.विजय कुमार यादव ने बताया कि यह प्रजाति उसर भूमियों हेतु सहिष्णु है तथा उसर भूमियों में जौ के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रजाति 134 दिनों में पककर तैयार हो जाती है जिसके दाने सुडौल तथा 12.15% प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। यह प्रजाति ब्लॉन्च स्पॉट बीमारी के प्रति सहिष्णु है तथा लवण एवं क्षारीय भूमियों में 38 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इस प्रजाति को विकसित करने वाली टीम में डॉक्टर विजय कुमार यादव, डॉक्टर पीके गुप्ता, डॉक्टर सोमवीर, डॉक्टर पीके सिंह, डॉक्टर जितेंद्र कुमार, डॉक्टर जावेद बाहर, डॉक्टर चारुल कंचन के साथ ही तकनीकी सहायक राजेश कुमार,पंकज कुमार का विशेष योगदान रहा है।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील खान ने बताया कि कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने जौ की नवीन प्रजाति को विकसित करने वाली टीम को बधाइयां दी है, साथ ही आशा व्यक्त की है कि जलवायु अनुकूलन इस प्रजाति के विकास से जौ उत्पादन में आशातीत वृद्धि होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल

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