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जानें दुनिया की सबसे महंगी सब्जी में शुमार हॉप शूट्स की खेती करने का तरीका

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दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों (Most Expensive Vegetables in the World) में शामिल है हॉप शूट्स (Hop Shoots Farming). ये सब्जी महंगी इसलिए है क्योंकि इसकी खेती करने की लागत भी अधिक है. जो भी किसान इस सब्जी की खेती करते हैं वे जमकर मुनाफा भी कमाते हैं.अमेरिका, चीन, यूरोप, कनाडा, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में इस सब्जी का जमकर उत्पादन किया जाता है. हिमाचल प्रदेश में कुछ सालों पहले इसकी खेती शुरू हुई थी, लेकिन अधिक लागत और कम विपणन सुविधाओं के कारण किसानों ने इससे दूरी बना ली. कितने रुपये है कीमतविदेशों हॉप शूट्स (Hop Shoots Farming) सब्जी की कीमत 1000 यूरो प्रति किलो के आसपास है. अलग-अलग देशों में इसकी कीमत अलग-अलग है. भारत में इस सब्जी की कीमत लगभग 80 हजार रुपये है. भारत में हॉप शूट्स की खेती इसलिए किसान नहीं कर रहे हैं क्योंकि इसमें लागत बहुत ज्यादा है. यदि किसान एक बार लागत लगाकर इसकी खेती शुरू करते हैं तो उन्हें इससे जब्र्दास्स्त मुनाफ़ा हासिल होगा. हॉप शूट्स क्या है?ये सब्जी शंक्वाकार होती है. हॉप शूट्स (Hop Shoots) के फल पंखुड़ियों की परतों से बने होते हैं. पूरी तरह से विकसित हो जाने के बाद इसके फूलों की लंबाई करीब दो सेंटीमीटर हो सकती है. जिन्हें कोन्स कहते हैं. इसकी जड़ें 2-3 मीटर गहरी होती है. इसका स्वाद काफी तीखा कड़वा होता है. इनकी टहनियों का सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी टहनियों का इस्तेमाल सलाद रूप में किया जाता है। कैसे होता है इस्तेमालदुनिया की सबसे महंगी सब्जी में शामिल हॉप शूट्स का इस्तेमाल बियर बनाने में किया जाता है. इसके इस्तेमाल से बियर में अधिक झाग और महक आती है. इसी कारण कई देशों में इसकी खेती बड़े स्तर पर की जाती है. बियर बनाने में इसके फूलों का इस्तेमाल होता है. वहीँ टहनियों का इस्तेमाल सलाद और अचार बनाने में भी किया जाता है.हॉप शूट्स की उन्नत किस्मेंव्यावसायिक दृष्टिकोण से इसकी खेती काफी लाभदायक है. हॉप शूट्स की बेहतर किस्म में हाइब्रिड-2, लेट क्लस्टर और गोल्डन क्लस्टर शामिल हैं.हॉप शूट्स की खेती का तरीका· हॉप शूट्स की खेती विदेशों में ठंड के मौसम के बाद की जाती है. भारत में इसकी खेती ठंडे इलाकों में की जा सकती है.· इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु को बेहतर माना जाता है.· खेती के लिए 19-25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है.· देश में हिमाचल प्रदेश इसकी खेती के लिए सही जगह है.· इस खेती के लिए चिकनी दोमट मिट्टी सही मानी जाती है.· नदियों के तह की मिट्टी इसकी खेती के लिए बेहतर मानी जाती है.· खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.· मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए.· खेती की तैयारी के लिए रोपाई से पहले खेतों में 4 इंच गहरा गड्ढा करके उसमें कम्पोस्ट मिक्सर में डालें.· पौधे बेल के रूप में बढ़ते हैं.· इसे कतार में लगाया जाना चाहिए. · इस फसल के अच्छे विकास के लिए हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है.· पौधे के लिए 6 से 8 घंटे की आवश्यकता होती है.· खेतों में 25-30 टन गोबर की खाद और 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 200 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और 250 किलोग्राम सुपर फास्फेट की आवश्यकता होती है.· रोपाई करने के दो से तीन महीने के बीच फूल खिलने लगते हैं. जिनसे कुछ ही सप्ताह में शंकुनुमा फल निकलने लगते हैं.· जब फल पीले रंग का दिखने लगता है तब उसकी तुड़ाई करनी चाहिए.
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