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शेयर मार्केट की इस गिरावट में सबसे अधिक करेक्ट हो चुके स्टॉक खरीदना चाहते हैं? इन स्मॉलकैप में आई 41% तक की गिरावट

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शेयर मार्केट में पिछले सात ट्रेडिंग सेशन में जिस तेज़ी से गिरावट हुई है, उससे निवेशकों में डर बैठ गया है. निफ्टी अपने नए ऑल टाइम हाई लेवल 26277 के लेवल से 1200 अंकों से अधिक गिर चुका है और यह सब पिछले एक सप्ताह में हुआ है. शेयर बाज़ार की गिरावट में स्मॉलकैप स्टॉक में भी बहुत डेंट आया है. पिछले सप्ताह स्मॉलकैप स्टॉक 41% तक गिर गए. इन स्टॉक में से ऐसे कुछ स्टॉक हैं, जिनमें रिवर्सल आ सकता है और इनमें से कुछ में खरीदारी का मौका हो सकता है. मिडिल ईस्ट में तनाव और एफआईआई की बिकवाकी ने भारतीय बाजारों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इंडेक्स में सप्ताह के दौरान 4% से अधिक की गिरावट आई. गिरावट व्यापक थी, जिसमें ऑटो, बैंक, इंफ्रा और एनर्जी जैसे सेक्टरों में भारी बिकवाली दबाव देखा गया.बाजार में गिरावट के कारण स्मॉलकैप शेयरों में तेज गिरावट आई, क्योंकि सप्ताह में केवल 14 शेयरों ने दोहरे अंकों का रिटर्न दिया. किसी भी स्मॉलकैप स्टॉक ने 20% से ज़्यादा रिटर्न नहीं दिया. सबसे ज़्यादा रिटर्न हरक्यूलिस होइस्ट्स ने 19.8% दिया है. इसके बाद अनूप इंजीनियरिंग 19.65% और आईटीडी सीमेंटेशन 18.9% पर है.इस बीच स्मॉलकैप सेगमेंट में 700 से ज़्यादा स्टॉक लाल निशान में चले गए, जिनमें से 11 में दोहरे अंकों में गिरावट आई. कामधेनु वेंचर्स , ऑपिटेमस इंफ्राकॉम, स्टर्लिंग और विल्सन इस हफ़्ते सबसे ज़्यादा 41% तक गिरने वाले स्टॉक रहे. मिडकैप सेगमेंट में कोई भी शेयर ऐसा नहीं था जिसने दोहरे अंकों में बढ़त हासिल की हो. व्हर्लपूल , पेट्रोनेट एलएनजी, बेयर क्रॉपसाइंस और कुछ अन्य स्टॉक ने इस ट्रेंड को तोड़ते हुए 5% से अधिक की बढ़त हासिल की. सेंसेक्स में शामिल केवल चार स्टॉक जेएसडब्ल्यू स्टील, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और टाटा स्टील हरे निशान में बंद हुए. सप्ताह के दौरान भारतीय बाजारों ने अधिकांश वैश्विक बाजारों से कम प्रदर्शन किया. चाइना के मार्केट के पॉज़िटिव ट्रेंड के कारण 22% की तेजी आई, जिससे एफआईआई ने बड़ा फंड मार्केट से बाहर निकाला. पिछले तीन दिनों में कैश मार्केट में 30,614 करोड़ रुपये की भारी एफआईआई बिकवाली देखी गई. एफआईआई भारत से सस्ते हांगकांग बाज़ार में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चीनी अधिकारियों द्वारा लागू किए जा रहे मौद्रिक और राजकोषीय प्रोत्साहन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे और कंपनियों की आय में सुधार करेंगे. निवेशकों को क्या करना चाहिए? एनालिस्ट का कहना है कि बाजार में कंसोलिडेशन का दौर देखने को मिल सकता है क्योंकि हाई वैल्यूएशन और प्रतिकूल मैक्रो सिचुएशन निवेशकों को रैली पर बेचने की स्ट्रटेजी अपनाने के लिए प्रभावित कर सकती है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, "क्रूड ऑइल की बढ़ती कीमतों और चीन जैसे सस्ते बाजारों में फंड फ्लो के बीच बाजार में निराशावाद निकट भविष्य में जारी रहने की उम्मीद है." हालांकि हाल की गिरावट के बाद कुछ ठहराव या मामूली उछाल हो सकता है, लेकिन जब तक निफ्टी निर्णायक रूप से 25,600 के स्तर को पुनः प्राप्त नहीं कर लेता, तब तक मार्केट का बायस नेगेटिव रहेगा. अजीत मिश्रा एसवीपी, रिसर्च, रेलिगेयर ब्रोकिंग ने कहा कि आईटी, मेटल और फार्मा जैसे प्रमुख सेक्टर फ्लैक्सिबिलिटी दिखा रहे हैं, जबकि अन्य तेजी के दौरान सेलिंग प्रेशर का सामना कर रहे हैं. ट्रेडर्स को अपनी पोज़ीशन को एडजस्ट करना चाहिए और एक हेज्ड व्यू अपनाने पर विचार करना चाहिए."
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