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सोयाबीन की उन्नत किस्में कौन सी है? जानें खेती करने के लिए किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

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सोयाबीन (Soybean) को किसान पीला सोना भी कहते हैं. इसकी खेती करने वाले किसान खूब मुनाफ़ा कमाते हैं. लेकिन सोयाबीन की खेती (Soybean Farming) के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो उत्पादन में कमी आ सकती है. सबसे जरूरी है कि किसानों को सोयाबीन की उन्नत किस्म और बुवाई के सही तरीकों की जानकारी होनी चाहिए. सोयाबीन की खेती से किसानों को मुनाफासोयाबीन (Soybean) की मांग बाजार में अच्छी रहती है. क्योंकि इससे न केवल तेल निकाला जाता है. बल्कि सोयाबीन से बने उत्पाद जैसे सोया दूध, सोया पनीर और सोया बड़ी की भी बाजार में खूब डिमांड रहती है. इसलिए इसकी खेती ( Soybean Farming) को मुनाफे वाली खेती कहा जाता है.सोयाबीन में कैल्शियम, विटामिन ई, प्रोटीन, फाइबर, फेनोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन अमीनो अम्ल, बी कॉम्प्लेक्स, थाइमीन, सैपोनिन और साइटोस्टेरॉल, जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये हैं सोयाबीन की उन्नत किस्मेंमध्य प्रदेश के इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने सोयाबीन की चार किस्मों का विकास किया है –· एनआरसी 2 (अहिल्या 1),· एनआरसी -12 (अहिल्या 2),· एनआरसी -7 (अहिल्या 3),· और एनआरसी -37 (अहिल्या 4) है।इन किस्मों के अलावा सोयाबीन की उन्नत किस्मों में एनआरसी 2, जेएस 80-21, जेएस 335, एनआरसी 37, जेएस 95-60, जेएस 93-05, पंजाब 1 शामिल हैं.सोयाबीन की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान -· सोयाबीन की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु की जरूरत होती है. तापमान 26-32 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.· जल निकास वाली दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए बेहतर मानी जाती है.· सोयाबीन की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 के बीच रहना चाहिए.· बुवाई के लिए हमेशा प्रमाणिक बीज का ही उपयोग करें.· यदि पुराने बीज ले रहे हैं तो पहले उन्हें उपचारित कर लें. · सोयाबीन की बुवाई कतार में करनी चाहिए. इसके लिए सीड ड्रिल तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है.· खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. ज्यादा पानी से फसल खराब हो सकती है.· मिट्टी परीक्षण के आधार पर रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करें.· फसल में फली भरने के बाद यदि लंबे समय तक बारिश नहीं होती है तो सिंचाई की जरूरत होती है. बरसात के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती.· फसल पकने में 50 से 145 का समय लग सकता है. फसल कितने दिनों में तैयार होती है ये इसकी किस्म पर निर्भर करता है.· किसान सोयाबीन की अ
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