नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . उपराज्यपाल कार्यालय ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को सील करने और मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर किए जाने पर बयान दिया है. उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि आतिशी को आधिकारिक रूप से सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया गया था. इसके बावजूद उन्होंने अवैध रूप से सरकारी बंगले में घुसने की कोशिश की थी और जब आप किसी के घर में घुसते हैं, तो स्वाभाविक है कि उस घर का मालिक आपके खिलाफ कार्रवाई करेगा ही.
उपराज्यपाल कार्यालय ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा, “मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी बंगले के लिए अनुरोध किया था, जो विचाराधीन था. अभी तक उन्हें अधिकृत रूप से बंगला आवंटित नहीं किया गया था. इसके बावजूद वे बंगले में दाखिल हुईं, जिसके परिणामस्वरूप लोक निर्माण विभाग ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है.”
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री का सरकारी बंगला भाजपा नेता को आवंटित करना चाहती है, जबकि नियमों के अनरूप यह बंगला मुख्यमंत्री को आवंटित किया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार इन नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कर रही है, जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
बता दें कि बुधवार दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हैंडओवर का हवाला देकर मुख्यमंत्री आतिशी का सरकारी बंगला सील कर दिया था और उनका सामान भी बाहर कर दिया था. जिस पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकारी बंगला खाली कर चुके हैं. ऐसे में अब यह बंगला नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित किया जाना था, लेकिन भाजपा का दावा है कि अभी तक आतिशी को अधिकृत रूप से यह बंगला आवंटित नहीं किया गया है, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच सियासी तकरार अपने चरम पर है.
भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने शीशमहल (सरकारी बंगले) में कई तरह के राज दफन करके रखें हैं, जिसे वो दिल्ली की जनता से छुपाकर रखना चाहते हैं. वो नहीं चाहते हैं कि दिल्ली की जनता इन राजों से वाकिफ हो सकें.
उधर, मुख्यमंत्री का सरकारी बंगला सील किए जाने पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के पाप का घड़ा भर चुका है.
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एसएचके/केआर
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