बेंगलुरु, 4 अक्टूबर . कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी.के. सुरेश ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से राज्य मंत्रिमंडल में विवादास्पद जाति जनगणना रिपोर्ट पेश करने के संबंध में सावधानी पूर्वक कदम उठाने की अपील की.
बेंगलुरु में मीडिया को संबोधित करते हुए डीके सुरेश ने कहा, “मैं सीएम सिद्धारमैया से जाति जनगणना के मामले में सावधानी से कदम उठाने की अपील करता हूं.”
उन्होंने कहा, “अगर जनगणना के लिए इस्तेमाल किए गए मानदंड हमेशा के लिए राष्ट्रीय जनगणना के अंतर्गत आ जाएं, तो कोई भ्रम नहीं रहेगा. स्वीकृति और मान्यता भी मिलेगी. अन्यथा, अगर जाति जनगणना के मानदंड मेल नहीं खाते हैं, तो हमें मान्यता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. चूंकि राष्ट्रीय जनगणना की जाने वाली है, इसलिए मैं सीएम सिद्धारमैया से तब तक इंतजार करने की मांग करता हूं.”
सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “सिद्धारमैया हमारे नेता हैं. हमें उम्मीद है कि वह पांच साल का कार्यकाल बतौर सीएम पूरा करेंगे. मुझे पूरा भरोसा है कि देवी चामुंडेश्वरी के आशीर्वाद से वह आरोपों से बेदाग निकलेंगे. कोई भी उन्हें हिला नहीं सकता.”
दलित नेताओं की बैठक पर टिप्पणी करते हुए सुरेश ने कहा, “हमारे समुदाय के नेताओं ने भी बैठक की और कई मुद्दों पर चर्चा की. गृह मंत्री जी. परमेश्वर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष है, लोक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जरकीहोली कार्यकारी अध्यक्ष हैं और अपने लोगों के हितों पर चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं है.”
भाजपा विधायक एन. मुनिरत्न नायडू के मामले पर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में घिनौना माहौल है, जो इसके विकास के लिए अनुकूल नहीं है. कर्नाटक विकास के लिए जाना जाता है, लेकिन अब जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे राज्य का सिर शर्म से झुक रहा है.”
उन्होंने कहा, “चन्नापटना उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के राजनीतिक जीवन का हिस्सा है. यह सतानुर विधानसभा सीट का हिस्सा था, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते थे. लोगों ने उनका समर्थन किया है और शिवकुमार की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें इसका बदला दें. हम पूरे जिले को विकास और अन्य संकेतकों के मामले में राज्य में प्रथम स्थान पर लाएंगे. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं हार गया हूं.”
गौरतलब है कि कांग्रेस आलाकमान और पार्टी नेताओं के समर्थन से सीएम सिद्धारमैया जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल के सामने विवादास्पद जाति जनगणना रिपोर्ट पेश करने वाले हैं.
दलित और पिछड़े समुदाय के विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की और राज्य में जाति जनगणना रिपोर्ट लागू करने की मांग की है.
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एकेएस/
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