पटना: बिहार में भूकंप का खतरा बहुत ज्यादा है। राज्य के 8 जिले तो भूकंप के सबसे ज्यादा खतरे वाले जोन-5 में आते हैं। जबकि, पटना समेत 24 जिले जोन-4 में हैं। इस खतरे से निपटने के लिए बिहार सरकार एक नई पहल कर रही है। सरकार लगभग 20 हजार राजमिस्त्रियों को भूकंपरोधी मकान बनाने की ट्रेनिंग देने जा रही है। बिहार में तैयार होंगे भूकंपरोधी मकान बनाने वाले राजमिस्त्रीइस काम की अगुवाई कर रहे हैं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत। उनका मानना है कि राजमिस्त्रियों को नई तकनीक की जानकारी देकर ना सिर्फ मजबूत मकान बनाए जा सकते हैं, बल्कि राजमिस्त्रियों की कमाई भी बढ़ सकती है। इसलिए ट्रेनिंग के बाद उन्हें ऐसे सर्टिफिकेट दिए जाएंगे जो देश-विदेश में मान्य हों।इस काम में प्राधिकरण का साथ दे रहा है राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC)। दोनों संस्थाओं के बीच एक समझौता हुआ है। इसके तहत 26 करोड़ रुपए की लागत से अगले 3 साल में राज्य के सभी 534 प्रखंडों के 30-30 राजमिस्त्रियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये ट्रेनिंग 10 दिन की होगी और इसके लिए राजमिस्त्रियों को 700 रुपए रोजाना भत्ता भी मिलेगा। साथ ही, उन्हें काम में आने वाले औजारों का एक किट और प्राधिकरण-निगम, दोनों के हस्ताक्षर वाला एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। BSDMA और NSDC में राजमिस्त्रियों के लिए करारइस समझौते पर औपचारिक रूप से दस्तखत हुए। प्राधिकरण के सचिव मीनेंद्र कुमार और NSDC के राष्ट्रीय प्रमुख मयंक भटनागर ने इस मौके पर अपने-अपने संस्थानों की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए।इस अवसर पर डॉ. उदयकांत ने कहा कि इस अभिनव कार्यक्रम की कल्पना से लेकर इसके मूर्त रूप लेने की यात्रा सफल रही है। उन्होंने इस काम में जुटे सभी लोगों को बधाई दी। इस मौके पर प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय, कौशल किशोर मिश्र, नरेंद्र कुमार सिंह और प्रकाश कुमार भी मौजूद थे। मॉडल के तौर पर शेक टेबल को दिखाया गयाप्राधिकरण के सलाहकार (तकनीकी) डॉ बीके सहाय ने कार्यक्रम में आए सभी मेहमानों का स्वागत किया। NSDC की ओर से भूकंप के समय इमारतों पर पड़ने वाले असर को दिखाने वाला एक मॉडल (शेक टेबल) भी दिखाया गया। साथ ही, ट्रेनिंग कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्राधिकरण के विशेष सचिव आशुतोष सिंह, वरिष्ठ शोध पदाधिकारी आलोक रंजन समेत प्राधिकरण के कई अधिकारी और NSDC की क्षेत्रीय प्रमुख भावना वर्मा, भावेश कुमार और प्रियंका कुमारी भी मौजूद थीं। ये पहल बिहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भूकंप जैसी आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जरूरी है कि हमारे घर और इमारतें मजबूत हों। ये काम राजमिस्त्रियों के बिना संभव नहीं है। ट्रेनिंग के जरिए उन्हें नई तकनीक की जानकारी मिलेगी और वे मजबूत इमारतें बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे। यह उनके लिए भी फायदेमंद होगा क्योंकि इससे उनकी कमाई बढ़ेगी और उन्हें काम के ज्यादा मौके मिलेंगे।
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