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फ्री में रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे फेरी वाले, ऐसे पहचानें नकली खोया

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लखनऊ: राजधानी लखनऊ में फेरी लगाकर ठेले और झाबे में खाद्य पदार्थ बेचने वालों का रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल अब नि:शुल्क होगा। एफएसएसएआई ने शनिवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एफएसडीए के सभी कार्यालयों में अब इसे लागू कर दिया जाएगा। एफएसडीए के सीएफएसओ जेपी सिंह ने बताया कि फेरीवाले को पहले की तरह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, लेकिन अब उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।फेरी लगाकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों को अभी तक एक साल के रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपये शुल्क देना पड़ता था। एक साल पूरा होने के बाद रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल करवाने के लिए भी 100 रुपये शुल्क लिया जाता था। कोई भी फेरीवाला एकसाथ 500 रुपये देकर पांच साल के लिए भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता था। हॉकर कैटिगरी में आवेदनफेरीवालों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए https:/foscos.fssai.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। वह अगर खुद आवेदन नहीं कर पाते हैं तो किसी साइबर कैफे या जनसेवा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन करवा सकते हैं। वेबसाइट पर जाने पर उन्हें हॉकर की कैटिगरी में जाकर आवेदन करना होगा और जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे। 135 लोगों ने करवाया पंजीकरणएफएसडीए ने चारबाग में कैंप लगाकर 135 छोटे दुकानदारों/फेरीवालों का रजिस्ट्रेशन शनिवार को किया। इसके साथ ही 10 दुकानदारों का लाइसेंस दिए और 10 दुकानदारों के लाइसेंस रिन्यूअल भी किए गए। इस मौके पर एफएसडीए की टीम के सदस्यों ने लोगों को खाने पीने की चीजों की गुणवत्ता परखने के लिए जागरूक भी किया। चारबाग में खोया मंडी होने के नाते लोगों को मिलावटी खोये को पहचानने के तरीके बताए गए। ऐसे पहचानें असली खोया
  • असली खोया दानेदार और चिकना होता है। इसे उंगलियों पर रगड़ने पर घी की महक आती है। वहीं नकली खोया रबड़ जैसा महसूस होता है और उसमें से केमिकल की गंध आती है।
  • दो ग्राम खोये को पांच मिलीलीटर गर्म पानी में घोलकर ठंडा करने के बाद इसमें आयोडीन सॉल्यूशन डालने पर अगर रंग नीला हो जाए तो खोया नकली है।
  • खोये की गोली बनाएं, अगर यह फटने लगे तो खोया नकली है।
  • खोये में चीनी मिलाकर गर्म करें, अगर वह पानी छोड़ने लगे तो खोया नकली है।
  • असली खोया खाने में कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है।
  • असली खोया डार्क ब्राउन रंग का होता है। वहीं, नकली खोया हल्का पीला और गहरे रंग का होता है।
  • पानी में खोया को घोलने पर अगर वह पूरी तरह से मिक्स हो जाता है तो वह असली है।
किडनी पर पड़ता है बुरा असरनकली खोया बनाने के लिए सिंथेटिक दूध, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदा जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। नकली खोया खाने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। खासतौर पर किडनी और लिवर पर इसका बुरा असर पड़ता है।
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