चतराः झारखंड में चतरा जिले के सिमरिया विधानसभा सीट को आरएसएस-बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन अब यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी को घेरने की पुख्ता रणनीति तैयार की है। वर्ष 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार किशुन दास को आजसू पार्टी के मनोज चंद्रा ने कड़ी टक्कर दी थी, परंतु इस बार मनोज चंद्रा के सहारे जेएमएम ने बीजेपी के किला को ध्वस्त करने की रणनीति बनाई है। मनोज चंद्रा के आजसू पार्टी छोड़ने के साथ ही किशुन दास मजबूतवर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच गठबंधन नहीं हो पाया था। लेकिन इस बार के चुनाव में तालमेल लगभग तय है। ऐसे में सिटिंग सीट होने के कारण बीजेपी का सिमरिया सीट पर दावा मजबूत है, हालांकि दूसरे स्थान पर रहने के कारण आजसू पार्टी सिमरिया की जगह किसी अन्य सीट देने का दबाव बीजेपी पर बना रही है। इसके बावजूद किशुन दास की बड़ी चिंता खत्म हो गई है। आजसू पार्टी उम्मीदवार के खड़े होने से वोटों का बिखराव नहीं होगा, जिससे बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है। जेएमएम उम्मीदवार के रूप में मनोज चंद्रा होंगे मैदान मेंदूसरी तरफ वर्ष 2023 में ही मनोज चंद्रा आजसू पार्टी छोड़ कर सीएम हेमंत सोरेन की मौजूदगी में जेएमएम में शामिल हो गए। जेएमएम में शामिल होने के बाद वो लगातार क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं सिमरिया विधानसभा सीट कांग्रेस और आरजेडी की कोई खास मजबूत दावेदारी नहीं है, ऐसे में यह माना जा रहा है कि मनोज चंद्रा जेएमएम टिकट पर सिमरिया विधानसभा सीट से इंडिया अलायंस के उम्मीदवार के यप में चुनाव मैदान में होंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बढ़तवर्ष 2024 में चतरा लोकसभा सीट के सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को बड़ी बढ़त हासिल हुई। लोकसभा चुनाव में सिमरिया क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार करने के लिए आए थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी काली सिंह को 1.40 लाख वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 66 हजार मतों से ही संतोष करना पड़ा। किशुन दास ने बीजेपी का 12 वर्षों का वनवास तोड़ा2019 के विधानसभा चुनाव में किशुन दास ने भाजपा का 12 वर्षों का वनवास तोडत्रा। इससे पहले सिमरिया सीट पर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के उम्मीदवार ने 2009 और 2014 में जीत हासिल की। 2009 में झाविमो के जयप्रकाश भोक्ता ने जीत हासिल की, जबकि 2014 में गणेश गंझू को सफलता मिली। वर्ष 2019 में चतरा सीट का चुनाव परिणाम वर्ष 2014 में चतरा सीट का चुनाव परिणाम वर्ष 2009 में चतरा सीट का चुनाव परिणाम सबसे अधिक 4 बार उपेंद्रनाथ दास ने जीत हासिल कीसिमरिया विधानसभा सीट से सबसे अधिक 4 बार उपेंद्रनाथ दास को सफलता मिली। उपेंद्रनाथ दास ने 1977, 1990, 1995 और 2005 में जीत हासिल की। विधायक रहने के दौरान 2007 में उनका निधन हो गया। उपेंद्रनाथ ने पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी और बाद में तीन बार बीजेपी टिकट पर जीत हासिल की। पार्टी में उनकी पहचान प्रखर वक्ता के रूप में थी। सिमरिया सीट पर बीजेपी को 4 बार मिली सफलतासिमरिया विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आया। जिसके बाद इस सीट पर एक बार जनसंघ और चार बार बीजेपी को सफलता मिली। कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा उम्मीदवार की दो-दो बार जीत हुई, वहीं आरजेडी और भाकपा उम्मीदवार को भी एक-एक बार चतरा सीट पर सफलता मिली। वर्ष उम्मीदवार का नाम पार्टी विस्थापन, पलायन और सिंचाई बड़ी समस्यासिमरिया विधानसभा क्षेत्र में विस्थापन, सिंचाई सुविधा का अभाव और रोजगार के अभाव में पलायन बड़ी समस्या है। क्षेत्र के हजारों विस्थापितों को अधिकार नहीं मिला, जबकि रोजगार नहीं मिल जाने के कारण हर साल लाखों लोगों का पलायन क्षेत्र से होता है।
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