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सीतामढ़ी: बाढ़ में फंसे 23650 पीड़ित रेस्क्यू, 13हजार सूखा राशन का पैकेट वितरित; 27 सामुदायिक रसोई केंद्र संचालित

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सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी जिले में बागमती समेत अन्य नदियों के जलस्तर में उतार-चढाव जारी है। अब भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चार दिन पूर्व बागमती नदी का बांध तीन स्थानों पर टूट गया था। इससे उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन की पूरी कोशिश की जा रही है। राहत और बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। डीएम रिची पांडेय के निर्देश पर कई विभाग समन्वय स्थापित कर राहत और बचाव का कार्य चला रहे है। डीएम की ओर से लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।एसपी मनोज कुमार तिवारी भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा ले रहे है। 27 नावों से चलाया जा रहा है राहत और बचाव कार्यएडीएम, आपदा प्रबंधन बृजकिशोर पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बेलसंड प्रखंड के पांच-पांच पंचायत गंभीर और आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित है। वहीं, रुन्नीसैदपुर के पांच पंचायत गंभीर रूप से एवं शेष 12 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि 23650 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। पीड़ितों के बचाव में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पांच टीमें लगी हुई है। 27 नावों के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। एडीएम ने जानकारी दी कि अब तक 13190 राशन पैकेट वितरित किया गया है। पैकेट में चूड़ा, चीनी, चना एवं हैलोजन टैबलेट है। 11260 पॉलिथीन सीट वितरितएडीएम पांडेय ने बताया की राशन पैकेट स्वच्छता के मानदंडों का पालन करते हुए जीविका दीदियों की ओर से इंडोर स्टेडियम में तैयार किया जा रहा है। अभी तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 11260 पॉलिथीन सीट्स का वितरण किया गया है। दोनों प्रखंडों को मिलाकर 27 सामुदायिक रसोई केंद्र संचालित है, जिसमें बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को गर्म पका भोजन दिया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में 12 मेडिकल टीम कार्य कर रही है। चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। नदियों के जलस्तर में कमी से राहतबताया, अब तक 16 क्विंटल पशु चारा वितरण किया गया है। साथ ही पशु चिकित्सा केंद्र भी संचालित किए गए है। पीएचडी की ओर से चापाकल का अधिष्ठापन और अस्थाई शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में जलस्तर में गिरावट हो रहा है। ढेंग एवं चंदौली में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ चुका है और अन्य स्थलों में भी जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है। तटबंधों पर भी चौकसी बरती जा रही है। आवागमन भी सभी भागों में बहाल हो गया है। इस प्रकार जिले में अब बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
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