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ये कैसा पंचायत चुनाव? पंजाब में सरपंच पद के लिए लग रही करोड़ों की बोलियां, चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

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चंडीगढ़: पंजाब में सरपंच पद के लिए खुली बोली लग रही है। कुछ जगहों पर तो बोली 2 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। ये मुख्यमंत्री भगवंत मान की सलाह के बिलकुल उलट है, जिन्होंने पंचायत चुनाव में खर्चों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी थी। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी 23 जिला निर्वाचन अधिकारियों को इन नीलामियों का ब्योरा देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले में दखल दिया है और सभी DEOs को अपने-अपने जिलों से ऐसे मामलों की जानकारी देने के लिए कहा है। बता दें कि 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव में 1.33 करोड़ से ज़्यादा पंजीकृत वोटर राज्य की 13,237 ग्राम पंचायतों के लिए अपना वोट डालेंगे। 2 करोड़ तक पहुंची बोलीगुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद के लिए 2 करोड़ की बोली लगाई गई। अभी तक इस पर फैसला नहीं आया है। गांव में आज भी बोली जारी रहेगी। बठिंडा जिले के गेहरी बुट्टर गांव में बोली 60 लाख रुपये तक पहुंच गई और गिद्दडबाहा के पास कोठे चीदियांवाली में 35.50 लाख रुपये में समाप्त हुई। यहां के लोगों ने गांव के गुरुद्वारे में बड़ा दान देने की योजना बनाई है। महिलाओं को सूट और 1100 देने का वादामुक्तसर जिले के वारिंग गांव में, एक उम्मीदवार ने महिलाओं से हर वोट के लिए 1,100 रुपये और एक सूट देने का वादा किया है। नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक आते ही ऐसी खबरें ज़्यादा आने लगी हैं। इन खबरों से पता चलता है कि मतदाताओं ने घरेलू सामान और शराब कितनी बड़ी मात्रा में स्वीकार की है। याचिकाकर्ता और वकील हरि चंद अरोड़ा ने इसे भ्रष्ट रिवाज़ बताया है और राज्य के चुनाव आयुक्त से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। पंचायत को 50 लाख देने की बात न्यूयॉर्क के करमजीत सिंह धालीवाल ने अपने पैतृक गांव, मोगा जिले के सैदोके की पंचायत को 50 लाख रुपये देने का वादा किया है, अगर वहां चुनाव सर्वसम्मति से होता है तो। उन्होंने गांव के विकास और प्रगति के लिए गांव वालों को एकजुट करने का दावा किया है। लेकिन, यह बोली युद्ध पंजाब में ग्रामीण शासन की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के कमजोर होने के बारे में चिंताएं पैदा करता है। लोकतांत्रिक ईमानदारी के साथ-साथ पंचायत चुनावों की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया से सामने आया मामलापारंपरिक और सोशल मीडिया ने सबसे ज़्यादा बोली लगाने वालों के सर्वसम्मति से चुनाव का खुलासा किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राज कमल चौधरी ने मंगलवार को कहा कि उनका कार्यालय इस प्रक्रिया के कानूनी और नैतिक पहलुओं की जांच करेगा। यह जांच लोकतांत्रिक परंपराओं के संदर्भ में की जाएगी। उन्होंने सभी DEOs को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में हो रहे या रिपोर्ट किए गए ऐसे मामलों की निगरानी करें और उनकी रिपोर्ट दें।
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