Top News
Next Story
NewsPoint

सड़क पर लिफ्ट लेकर लड़की जाल में फंसाती, सीकर पुलिस पीछे पड़ी तो खुला हनी ट्रैप गैंग का राज

Send Push
सीकर : राजस्थान के सीकर जिले की सदर थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने हनीट्रैप गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से वारदात के दौरान काम में ली गई गाड़ी भी बरामद की है। फिलहाल, पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है। सड़क पर खड़ी दो लड़कियों ने मांगी लिफ्ट, फिर... दरअसल, 1 सितंबर को मुंडवाड़ा के रहने वाले बरकत अली ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई की 31 अगस्त को सांवली सर्किल पर उन्हें दो लड़कियां मिली। जिन्होंने उनसे लिफ्ट मांगी तो सहानुभूति के तौर पर उन्होंने दोनों लड़कियों को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद दोनों ने गाड़ी को किराए पर ले लिया और गाड़ी को कुंडलपुर की तरफ ले जाने को कहा। जैसे ही गाड़ी आगे पहुंची तो दोनों लड़कियों के साथी पांच पुरुष और एक अन्य महिला साथी वहां आए। मारपीट के बाद 10 लाख रुपए की डिमांड, 26000 देने पर छोड़ाइन आरोपियों ने बरकत के साथ मारपीट की इसके बाद बरकत को दूसरी गाड़ी में डालकर कोछोर के रास्ते खंडेला में धर्मपूरा गांव की तरफ ले गए। इसके बाद बदमाशों ने गाड़ी के डॉक्यूमेंट सहित अन्य दस्तावेज भी छीन लिए। गैंग से जुड़े लोगों ने बरकत से 10 लाख रुपए मांगे।पैसे नहीं देने पर रेप जैसे केस में फंसाने की धमकी और जान से मारने की धमकी दी। बदमाशों की ओर से डराने और धमकाने के बाद 26 हजार रुपए बरकत ने ट्रांसफर किए। इसके बाद बदमाश बरकत की गाड़ी को खराब होने पर खंडेला के पास ही छोड़कर चले गए। कांस्टेबल बाबूलाल को बोगस ग्राहक बनाया और...पुलिस के पास इस केस में कोई भी क्लू नहीं था, ताकि पुलिस सीधे आरोपियों तक पहुंच सके। ऐसे में पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए और परिवादी के मोबाइल नंबरों के आधार पर एक आरोपी की पहचान की। फिर पुलिस थाने के कांस्टेबल बाबूलाल को बोगस ग्राहक बनाया गया। पहचान किए अपराधी की ओर से कांस्टेबल बाबूलाल के नंबर गैंग की महिला के पास पहुंचाए गए। गैंग की महिला ने कांस्टेबल बाबूलाल को मिलने के लिए खाटू मोड़ पर बुलाया। गैंग से जुड़े लोगों को शक नहीं हो इसके लिए कांस्टेबल ने मिलने में कई बार आना कानी की। गैंग के बारे में अन्य जानकारी जुटाई। जब गैंग की महिला को विश्वास हुआ तो कांस्टेबल बाबूलाल सहित अन्य टीम को गिरफ्तारी के लिए भेजा गया। 25 सितंबर को मिलना तय हुआ, गैंग की दो महिलाएं गिरफ्तारगैंग की महिला ने कांस्टेबल को मिलने के लिए खाटू मोड़ पर बुलाया। 25 सितंबर को मिलना तय हुआ तो गैंग की महिला ने पहले खाटू मोड़ पर मिलने के लिए बुलाया लेकिन यहां भीड़ ज्यादा होने के चलते बाईपास पर मिलने की बात कही। जैसे ही कांस्टेबल बाबूलाल बाईपास पहुंचा तो गैंग की महिला उसकी गाड़ी में आकर बैठ गई और गाड़ी को खंडेला रोड की तरफ ले चलने के लिए कहा। गाड़ी करीब 1 किलोमीटर चली इसके बाद एक स्विफ्ट गाड़ी में तीन युवक और एक महिला आए और बोगस ग्राहक बने कांस्टेबल को गाड़ी से नीचे उतारने का प्रयास किया। जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव के अनुसार इसी बीच कांस्टेबल के साथ मौजूद टीम के लोग वहां पहुंच गए। जिन्होंने गैंग की दोनों महिलाओं को पकड़ लिया लेकिन गैंग से जुड़े तीन बदमाश वहां से फरार हो गए। इन बदमाशों की गाड़ी का करीब 10 किलोमीटर बाद में टायर भी फट गया लेकिन वह फसल में छुपकर फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं से पूछताछ की। इसके साथ ही महिलाओं को परिवादी बरकत के नंबर उपलब्ध करवाने वाले आरोपी शंकरलाल बावरिया निवासी मुंडवाड़ा को गिरफ्तार किया। अब मंगलवार को 4 बदमाश गिरफ्तार सीकर पुलिस को सूचना मिली कि गैंग से जुड़े रामकरण, कृष्ण उर्फ टमका, गणेश बावरिया और अजीत कुमार किसी घटना को अंजाम देने की इराक में रींगस के पास जालपाली मोड पर घूम रहे हैं। ऐसे में पुलिस वहां पहुंची जहां से चारों को गिरफ्तार कर लिया। इस तरह मामले में कुल सात आरोपी शंकरलाल बावरिया (22) निवासी मुंडवाड़ा, ममता बावरिया (25) निवासी नीमकाथाना, बबली बावरिया (19) निवासी कोटपूतली, अजीत कुमार बावरिया (21), गणेश उर्फ डूंगरिया बावरिया (38) रामकरण बावरिया (19), कृष्ण उर्फ टमका(20) को गिरफ्तार किया है। बदमाश सभी आपस में रिश्तेदार, परिचितों के जरिए ही लोगों को बना रहे शिकारपुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया की गैंग से जुड़े सभी लोग आपस में रिश्तेदार और परिचित हैं, जो अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से कांटेक्ट करके उन्हीं के परिचित लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इनका रिश्तेदार ही गैंग को नंबर प्रोवाइड करवाता है। इसके बाद गैंग से जुड़ी महिलाएं उनसे बातचीत करके अपने जाल में फंसाती है और फिर उन्हें मिलने के लिए खाटूश्यामजी के पास बुलाती है। जब गैंग की महिला पीड़ित के साथ बैठती है तो गैंग से जुड़े अन्य लोग वहां आते हैं और मारपीट करके उन्हें लूट लेते हैं। इसके बाद उन्हें डरा धमकाकर पैसे भी वसूलते हैं। यहां तक कि गैंग के लोग अपने शिकार की गाड़ी और अन्य डॉक्यूमेंट भी साथ ले जाते हैं और उन्हें वापस देने के बदले भी रुपए वसूलते हैं। पुलिस पूछताछ में इस गैंग के द्वारा सीकर के अलावा नीमकाथाना, जयपुर,कोटपूतली और दौसा में भी इसी तरह की वारदात करना कबूला गया है। मारुति की गिरफ्तारी में सदर पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल मुकेश और कांस्टेबल बाबूलाल की अहम भूमिका रही।(रिपोर्ट- बालमुकुंद जोशी)
Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now