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Weekly Vrat Tyohar List, 7 to 13 October 2024 : कात्यायनी पूजन से लेकर महानिशा पूजा और पापांकुशा एकादशी व्रत तक, जानें इस हफ्ते के प्रमुख व्रत त्योहार के बारे में

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Saptahik Vrat Tyohar List, 7 to 13 October 2024: अक्टूबर मास का यह सप्ताह व्रत त्योहार के लिहाज से बेहद शुभ माना जा रहा है। दरअसल यह पूरा सप्ताह मां दुर्गा के नाम रहने वाला है और इस सप्ताह शारदीय नवरात्र का समापन भी हो जाएगा। सप्ताह का आरंभ मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता के पूजन से शुरू होगा और अंत भगवान विष्णु का प्रिय व्रत पापांकुशा एकादशी व्रत से होगा। पूरे सप्ताह मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों का पूजन किया जाएगा, जिससे धन धान्य में वृद्धि होगी और सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी। व्रत त्योहार के साथ इस सप्ताह बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री होंगे और बुध का तुला राशि में तो शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर होगा। आइए जानते हैं अक्टूबर मास के इस सप्ताह के प्रमुख व्रत त्योहार के बारे में...
स्कंदमाता पूजा (7 अक्टूबर, सोमवार) image

शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता का पूजन किया जाएगा। माता के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करने से धन, बल और संतान सुख की प्राप्ति होती है। भगवान कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है इसलिए मां दुर्गा का यह स्वरूप स्कंदमाता कहलाया। मां ने इस स्वरूप में शेर पर सवार होकर अपनी गोद में भगवान कार्तिकेय को बैठाया है। इस दिन स्कंदमाता को पीले फल, पीले फूल आदि चीजें अर्पित करनी चाहिए।


कात्यायनी पूजन (8 अक्टूबर, मंगलवार) image

शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन निमित्त कात्यायनी माता का पूजन किया जाएगा। कात्यायनी माता का पूजन करने से किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता है। मां दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी कहते हैं। कात्यायनी महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी, इसलिए ये कात्यायनी के नाम से प्रसिद्ध हुईं। मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं।


कालरात्रि पूजन (9 अक्टूबर,बुधवार) image

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि का पूजन किया जाएगा। मां कालरात्रि का स्वरूप जितना भयानक है, माता उतनी ही दयालु भी हैं। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और हर तरह के संकट से मुक्ति भी मिलती है। मां दुर्गा ने शुंभ निशुंभ का विनाश करने के लिए कालरात्रि का रूप धारण किया था। माता कालरात्रि का नाम लेने मात्र से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।


महाअष्टमी व्रत, महानिशा पूजा (10 अक्टूबर, गुरुवार) image

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी का पूजन किया जाता है। इस दिन महानिशा पूजा भी की जाएगी। नवरात्र में प्रतिपदा और अष्टमी व्रत रखने से पूरे नवरात्र के व्रत का फल मिलता है। नवरात्रि के निमित्त अष्टमी तिथि में हवन करने वालों के लिए आज से हवन किया जा सकता है। माता महागौरी भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में विराजमान रहती हैं। इस दिन बहुत से लोग हवन करने के बाद कन्या पूजन भी करते हैं।


महानवमी व्रत (11 अक्टूबर, शुक्रवार) image

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी का व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। माता के इस स्वरूप की पूजा करने से सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। सभी देवी देवताओं को माता के इस स्वरूप का पूजन करने से ही सिद्धियां प्राप्त होती हैं। माता सिद्धिदात्री चतुर्भुज और सिंहवाहिनी हैं और पूरे ब्रह्मांड को इन्ही देवी की वजह से ऊर्जा प्राप्त होती है।


विजयदशमी (12 अक्टूबर, शनिवार) image

आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन राजा राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी। साथ ही मां दुर्गा ने नौ रात्रि और दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नीलकंठ पक्षी का भी दर्शन शुभ माना जाता है और हनुमानजी को बीड़ा भी अर्पित किया जाता है।


पापांकुशा एकादशी व्रत (13 अक्टूबर, रविवार) image

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी का व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर बैकुंठ धाम का प्राप्त करता है। इस दिन दोपहर में 12:21 बजे से पंचक भी प्रारंभ हो जाएगा।

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