तेल अवीव: ईरान के मिसाइल हमले के बाद इजरायल जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। अमेरिका समेत पूरी दुनिया को आशंका है कि इजरायल ईरान की परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि हालिया तनाव से ईरान के परमाणु हथियार बनाने के लिए प्रेरित होने का भी खतरा है। इस बीच सवाल उठता है कि क्या इजरायल के पास परमाणु हथियार हैं, जिससे वह ईरान की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। यह सवाल इसलिए भी लाजिमी है, क्योंकि इजरायल ने परमाणु हथियारों की मौजूदगी को अभी तक आधिकारिक रूप से न तो स्वीकार किया है और ना ही इनकार। इजरायल के पास कितने परमाणु हथियारस्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, जनवरी 2024 तक, इजरायल के पास लगभग 90 परमाणु हथियार थे। इनमें F-16 या F-15 विमानों से फायर किए जाने वाले 30 गुरुत्वाकर्षण बम, जमीन से लॉन्च होने वाली जेरिको III बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए 50 वारहेड और इजरायल की डॉल्फिन-क्लास पनडुब्बियों से लॉन्च होने वाली 10 परमाणु क्रूज मिसाइलें शामिल हैं। इजरायल का परमाणु कार्यक्रम कब शुरू हुआ?2015 में सार्वजनिक किए गए अमेरिकी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिकी सरकार को पहली बार 1960 में डिमोना के पास नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र (NNRC) में इजरायल के गुप्त परमाणु कार्यक्रम के बारे में पता चला था। उस समय CIA ने अनुमान लगाया था कि 1974 तक इजरायल ने पहले ही परमाणु भंडार जमा कर लिया था। यह केंद्र कथित तौर पर 1950 के दशक के अंत में फ्रांसीसी सहायता से बनाया गया था। SIPRI का कहना है कि 2023 की शुरुआत में इजरायल के पास 750-1,110 किलोग्राम प्लूटोनियम हो सकता था, जो 277 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त था। इजरायल की परमाणु अस्पष्टता की नीति के पीछे क्या है?इजरायल ने कभी भी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है और न ही इनकार किया है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं। इजरायल परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का भी पक्षधर नहीं है। वाशिंगटन पोस्ट के लिए 20 फरवरी को लिखे गए लेख में अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञों ने दावा किया कि शीत युद्ध के दौरान यह नीति उचित थी, क्योंकि इजरायल को डर था कि यूएसएसआर संतुलन के लिए मिस्र या सीरिया के साथ परमाणु तकनीक साझा कर सकता है। क्या परमाणु हथियार इस्तेमाल करेगा इजरायल?फिर भी, इजरायल के विरासत मंत्री अमीचाई एलियाहू और लिकुड सांसद टैली गोटलिव ने हमास के 7 अक्टूबर के हमले के मद्देनजर गाजा पट्टी में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का सार्वजनिक रूप से प्रस्ताव रखा। इजरायल के रक्षा मंत्री मोशे दयान ने 1973 के योम किप्पुर युद्ध के दूसरे दिन परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा, जैसा कि इजरायली मीडिया ने 2013 में खुलासा किया था।
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