हर राज्य सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर अलग-अलग दरों पर वैट (मूल्य वर्धित कर) लगाती है। अधिक वैट वाले राज्यों में ईंधन की कीमतें अधिक हैं।
केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क भी लगाती है, यह शुल्क सभी राज्यों में समान है। इसके साथ ही तेल डिपो से पेट्रोल पंप तक ईंधन के परिवहन की लागत भी कीमतों पर असर डालती है। दूरदराज के इलाकों में परिवहन लागत अधिक होने के कारण ईंधन की कीमतें भी अधिक हैं।
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है, जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है. हालाँकि, ईंधन की कीमतें आमतौर पर केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में अधिक हैं। इसके अलावा कुछ पूर्वोत्तर राज्य तेल की ऊंची कीमतों के लिए भी जाने जाते हैं।
देश में पेट्रोल की सबसे ज्यादा कीमतें आंध्र प्रदेश में हैं। यहां पेट्रोल की कीमत 108.46 रुपये और डीजल की कीमत 96.33 रुपये है. इसके अलावा यह तेलंगाना, केरल, मध्य प्रदेश और बिहार में है।
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