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अपहरण व हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद

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हमीरपुर, 30 सितम्बर (हि. स.)। अपहरण कर हत्या करने के 18 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट अनिल कुमार खरवार की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 11 हजार का अर्थदंड लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्रप्रकाश गोस्वामी ने अदालत को बताया कि बिवांर थानाक्षेत्र के सायर गांव निवासी पीड़ित पिता रमजानी ने मौदहा थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया था। दो जून 2006 को उसकी साली अनीसा की बेटी जुमिया की शादी इलाही तालाब मौदहा में थी। शादी में उसकी पत्नी नफीसा बेटे अल्ताफ (14) के साथ 31 मई 2006 को अपनी बहन के यहां आई थी। वह व उसके रिश्तेदार रमजान व रहमान निवासी जरौली चरखारी आदि बरात में दो जून को आए थे। उसी रात्रि करीब 11 बजे तक उसका बेटा बरात में था। उसके बाद उसे नहीं देखा गया। रात्रि को उन लोगों ने सोचा कि कहीं सो गया होगा। सुबह उसकी तलाश करने पर कहीं पता नहीं चला। जिसकी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के बाद शाम करीब पांच बजे उसके रिश्तेदार रमजान और रहमान जो बरात में आए थे।

उन्होंने बताया कि उसके बेटे को चाय पिलाने का बहाना करके अल्ताफ की मौसी का बेटा सैय्यद उर्फ शमशेर निवासी इलाही तालाब व जुम्मन निवासी मवईजार थाना बिवांर व सैय्यद का चाचा उसे करीब 11 बजे रात्रि अरतरा चौराहा स्टेशन की तरफ ले गए थे। उनकी बात पर विश्वास करके वह अपने बेटे की तलाश स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में किया तो रस्सन लंबरदार के खेतों के पास बेशरम की झाडियों में उसके बेटे का शव पड़ा मिला है। दोषियों ने उसके बेटे अल्ताफ की हत्या गले में बेल्ट से गला घोंटकर की है। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर कोर्ट में पेश किया था। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी सैय्यद उर्फ शमशेर व जुम्मन को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

शक के बावत कर दी बेटे की हत्या

पीड़ित पिता ने पुलिस को बताया था कि करीब 15-20 साल पूर्व दोषी सैय्यद उर्फ शमशेर का पिता हबीब कहीं गायब हो गया था। जिसका आज तक कुछ पता नहीं चला है। शमशेर को शक था कि उसके पिता को गायब कर उसके भाई सलीम ने हत्या कर दी है। इसी रंजिश से उसके बेटे की हत्या की है। कहा कि बरात से विश्वास में बहला फुसलाकर ले गए, लेकिन उसे विश्वास नहीं था, कि उसके बेटे की हत्या कर देंगे।

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