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आप नहीं जानते होंगे नवरात्रि से जुड़े ये 6 रोचक फैक्ट

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देशभर में नवरात्रि के पर्व की तैयारियां विभिन्न अंदाज में धूमधाम से शुरू हो चुकी हैं। यह पर्व माता दुर्गा की आराधना का समय है, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। नवरात्रि का मतलब है "नौ रातें", जो देवी दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित हैं। इस दौरान हम नवरात्रि से जुड़े कुछ गूढ़ तथ्यों को जानेंगे, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

1. मां दुर्गा का अद्वितीय स्वरूप मां दुर्गा एकमात्र देवी हैं, जो सभी देवताओं की शक्तियों को समेटे हुए हैं। उनके पास भगवान शिव का त्रिशूल, भगवान विष्णु का चक्र और भगवान ब्रह्मा का कमल है। यह एक अद्वितीय स्थिति है, जो दर्शाती है कि माता दुर्गा में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की शक्तियों का संपूर्ण सामर्थ्य विद्यमान है।

2. शक्ति की प्रतीक माता रानी को 'शक्ति' कहा जाता है, क्योंकि उनमें सभी देवताओं की शक्तियां एकत्रित हैं। भारतीय संस्कृति में शक्ति का बहुत महत्व है, और देवी दुर्गा को मां के रूप में पूजा जाता है। इस प्रकार, वे न केवल शक्ति की प्रतीक हैं, बल्कि आत्मविश्वास, संकल्प और प्रेरणा का भी प्रतीक मानी जाती हैं।

3. अष्ट भुजाओं का महत्व देवी दुर्गा को अष्ट भुजाओं वाली देवी कहा जाता है। उनकी आठ भुजाएं वास्तु शास्त्र में आठ प्रमुख दिशाओं—उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, और दक्षिण-पश्चिम—की ओर संकेत करती हैं। यह दर्शाता है कि देवी दुर्गा सभी दिशाओं में शक्तिशाली हैं और हर दिशा में अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

4. नौ दिनों की पूजा महिषासुर का वध करने के लिए देवी मां को नौ दिनों का समय लगा, जिससे यह मान्यता बनी कि उनकी पूजा नौ दिनों तक की जानी चाहिए। हर दिन विशेष रूप से एक अलग रूप की पूजा की जाती है, जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री। ये रूप विभिन्न गुणों और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

5. दुर्गा का सिंह पर सवार होना मान्यता है कि देवी मां दुख और बुराई का अंत करने के लिए सिंह पर सवार होकर निकलती हैं। यह सिंह केवल उनकी शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह उनके साहस और दृढ़ता को भी दर्शाता है। देवी दुर्गा के सिंह पर सवार होने का अर्थ है कि वे किसी भी बुराई का सामना करने के लिए तैयार हैं।

6. त्रिकालदर्शिता का प्रतीक शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि देवी दुर्गा की तीन आंखें अग्नि, सूर्य और चंद्रमा का प्रतीक हैं। यह उनके त्रिकालदर्शिता (भूत, वर्तमान और भविष्य) का प्रतीक है, जो उन्हें अपनी भक्ति और साधना से सभी प्रकार की बुराइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

नवरात्रि का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और देवी दुर्गा की शक्तियों का एक समर्पण है। इस दौरान की गई पूजा और उपासना से न केवल हमें आध्यात्मिक बल मिलता है, बल्कि यह हमें बुराइयों से लड़ने की प्रेरणा भी देती है। इस नवरात्रि, आइए हम सभी मां दुर्गा की आराधना करके उनके आशीर्वाद को प्राप्त करें और अपने जीवन में शक्ति, साहस और प्रेरणा का संचार करें।

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