Mahalaya Amavasya (Sarv Pitru Amavasya) 2024 Date And Time: सर्व पितृ अमावस्या को ही महालया अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। ये अमावस्या पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए भी जानी जाती है। इस अमावस्या पर उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि पर हुई हो या जिनके मरने की तिथि याद न हो। महालया अमावस्या के अगले दिन से नवरात्रि शुरू हो जाती है। चलिए जानते हैं अक्टूबर में पितृ पक्ष अमावस्या यानि महालया अमावस्या कब है।
Pehla Navratri 2024 Date
इस साल महालया अमावस्या 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 1 अक्टूबर की रात 9 बजकर 39 मिनट पर होगा और समापन 2 अक्टूबर की देर रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगा।
महालया अमावस्या मुहूर्त 2024 (Mahalaya Amavasya Muhurat 2024)
कुतुप मूहूर्त - 11:46 AM से 12:34 PM
रौहिण मूहूर्त - 12:34 PM से 01:21 PM
अपराह्न काल - 01:21 PM से 03:43 PM
महालया अमावस्या पर क्या करें (Mahalaya Amavasya Puja Vidhi)
- महालया अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करें।
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर करवाएं।
- इस अमावस्या पर दान का भी विशेष महत्व माना जाता है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर चना, हरी सरसों के पत्ते, मूली, लौकी, खीरा, जौ, मसूर की दाल और काला नमक न खाएं।
- इस दिन जानवरों को भोजन जरूर खिलाएं।
महालया अमावस्या का श्राद्ध सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं इस दिन श्राद्ध करने से भूले भटके सभी पूर्वजों को श्राद्ध लग जाता है। महालया अमावस्या को महालय समापन या महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है।
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