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गांधीजी ने भारत की आत्मा को जाना : न्यायमूर्ति शशीकांत गुप्ता

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–हिंद स्वराज आज भी सबसे ज्यादा बिकने और पढ़ने वाली पुस्तक : डॉ राम प्रकाश सिंह

प्रयागराज, 02 अक्टूबर . भारत विकास परिषद, प्रयाग शाखा की ओर से सिविल लाइन स्थित एक होटल में गांधी एवं शास्त्री की जयंती मनायी गई. मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय शशिकांत गुप्ता ने कहा गांधीजी ने भारत की आत्मा को जाना और इसीलिए उसे स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके. गांधीजी भारत के आम जन से जुड़े हुए हैं. हमें गांधी से सबक लेते हुए यह सीखना होगा कि किसी का नुकसान होने वाला कार्य न करें, धैर्य रखें, प्रतिक्रिया से बचें और सकारात्मक सोच रखें.

मुख्य वक्ता डॉ रामप्रकाश सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, गणित विभाग, ईसीसी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ऐसा कोई स्वतंत्रता सेनानी और आम व्यक्ति नहीं रहा जो किसी ने किसी रूप में गांधी से प्रभावित न हुआ हो. उन्होंने कहा कि 1909 में लिखी गई हिंद स्वराज आज भी सबसे ज्यादा बिकने और पढ़ने वाली पुस्तकों में से एक है और प्रासंगिक लगती है. आज विश्व के अनेक देशों के राष्ट्रध्यक्ष और शासनाध्यक्ष, दूसरे देशों के नागरिक गांधी को किसी न किसी रूप में याद करते हैं.

डॉ सिंह ने कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में गांधी के विचारों पर चिंंतन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. आतंकवाद हो, युद्ध हो, मौसम का बिगड़ा हुआ मिजाज हो, बढ़ती हुई प्राकृतिक आपदाएं हो, संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हो, उन सभी पर गांधी का चिंतन स्पष्ट और बेबाक है. वह व्यावहारिक भले ही न दिखे, परंतु रास्ता उधर की ही ओर जाता है वरना पूरी मानवता खतरे में होगी.

पूर्व ऑक्टा अध्यक्ष डॉ आर पी सिंह ने कहा कि गांधीजी ने हिंदू मुस्लिम एकता के मुद्दे को एक सनक की तरह आगे बढ़ाया, जैसा कि डॉ अंबेडकर कहते हैं. और इस मुद्दे पर गांधी की आलोचना भी होती है. भारत विकास परिषद प्रयाग शाखा की अध्यक्ष डॉ अल्पना अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांधी का दर्शन और दृष्टि समन्वयवादी थी, जबकि लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हीं के कदमों पर चलते हुए भारतीय कृषि और किसानों की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.

अतिथि परिचय प्रो उमेश प्रताप सिंह एवं प्रो राजेश कुमार गर्ग ने किया. परिषद की ओर से मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता को वरिष्ठ सीए डॉ एन सी अग्रवाल और राजीव अग्रवाल ने मोमेंटो तथा अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया. संचालन प्रो विवेक भदौरिया तथा धन्यवाद ज्ञापन उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी अग्रवाल ने किया. कार्यक्रम में प्रो सुनील कांत मिश्र, अरुण कुमार त्रिपाठी, डॉ जगदीश्वर द्विवेदी, डॉ पुरुषोत्तम केसरवानी, प्रो विवेक कुमार निगम, डॉ पीयूष खरे, डॉ स्वप्निल अवस्थी, आलोक शाह, राकेश मित्तल सहित अनेक लोग उपस्थित थे.

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/ विद्याकांत मिश्र

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