छतरपुर , 8 अक्टूबर . रेप पीड़िता और उसके परिवार के तीन लोगों को गोली मारने के आरोपित ने खुद के सिर में गोली मार ली. उसने सुसाइड से पहले मंगलवार सुबह करीब 9.15 बजे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एसपी को अपनी लोकेशन बताई थी. सागर आईजी प्रमोद वर्मा का कहना है कि पुलिस आरोपित की लोकेशन पर पहुंची थी. उसे पकड़ने की तैयारी कर रही थी, तभी आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. घबराकर उसने खुद की कनपटी पर गोली मार ली. एसपी अगम जैन ने बताया, पुलिस से चारों तरफ से घिरा देख आरोपित ने खुद के सिर पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया.
आरोपी भोला अहिरवार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- मैंने किसी का रेप नहीं किया है, यह पूरा गांव जानता है. मुझे सिर्फ पैसों के लिए षड्यंत्र के अनुसार फंसाया गया है. पैसा ही ले-देकर ही मेरे खिलाफ पॉक्सो, 376 जैसी धारा में मुकदमा कायम करवा दिया गया. यह जरूर है कि कल जो हुआ है वह मैंने ही किया है. एसपी साहब से मेरा कहना है कि मैं सिद्ध बाबा पुच्छी वाले रोड के यहां हूं. यहीं मिल जाऊंगा. सिविल लाइन टीआई ने बाल्मीक चौबे और जय बेदी से पैसे लेकर मुकदमा कायम किया था. प्रेमचंद डालू सरपंच और दीपक पाली इन दो दलालों ने उन्हें भटकाया. मैं एक मजदूर के मोबाइल से पोस्ट कर रहा हूं, जो यहीं मूंगफली निकाल रहा था.
घर में घुसकर राजीनामे का दबाव बना रहा था
रविवार-सोमवार की दरमियानी रात आरोपी भोला अहिरवार नाबालिग पीड़िता के गांव पहुंचा था. सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे अवैध हथियार लेकर पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की. केस में राजीनामे का दबाव बनाने लगा, तभी पीड़िता के दादा (65) ने भोला को रोकने की कोशिश की. भोला ने दादा के सीने में गोली मार दी, उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
आरोपी ने पीड़िता के पेट में कट्टे से गोली मारी और मौके से भाग निकला. जैसे ही आरोपी घर से बाहर निकला, उसे पीड़िता का चाचा (23) मिल गया. भोला ने उस पर भी फायर किया और फरार हो गया. घायलों को परिजन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने दादा को मृत घोषित कर दिया. नाबालिग का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि चाचा को इंदौर रेफर किया है. फायरिंग के बाद आरोपित रास्ते में एक युवक की बाइक छीनकर फरार हो गया था. अतरार के रहने वाले गोविंद कुशवाहा ने सोमवार शाम को आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. उसने पुलिस को बताया कि वह छतरपुर से अपने गांव जा रहा था. पीतांबरा मंदिर के पास भोला अहिरवार मिला. उसने रोककर लिफ्ट मांगी. मना किया तो आरोपित ने कनपटी पर कट्टा अड़ा दिया. जान से मारने की धमकी दी. डर के कारण उसे बाइक दे दी. पीड़िता की छोटी बहन ने आरोप लगाया कि 28 जुलाई को जब हम थाने में रिपोर्ट कराने गए थे, तब टीआई मैडम ने रिपोर्ट लिखने के नाम पर हमसे 10 हजार रुपए मांगे. मुझे बुलाकर कहा कि हम फ्री में काम नहीं करेंगे. इसके बाद मैडम ने सिविल ड्रेस में एक पुलिस वाले को भेजा. उसे मैंने अपने हाथों से 5 हजार रुपए दिए थे. फिर पुलिस वाले घर पर भी पैसे मांगने के लिए आए थे. वे कह रहे थे कि 70 हजार रुपए दो और अपराधी का पता बताओ, नहीं तो रिपोर्ट वापस ले लो. हम राजीनामा करवा देंगे. उस समय पुलिस कार्रवाई करती तो ये घटना नहीं होती.
/ सौरव भटनागर
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