जयपुर, 25 सितंबर . पिंकसिटी समेत तीन जिलों के बाशिंदों का सालभर हलक तर करने वाला बीसलपुर बांध इस बार पानी की बंपर आवक के चलते एक पखवाड़े से भी ज्यादा वक्त तक छलक रहा है. मानसून की विदाई शुरू होने के साथ ही अब बांध में भी पानी की आवक धीमी पड़ने लगी है. बांध के खोले गए छह में पांच गेट पिछले सप्ताह तक बंद हो गए. वहीं एकमात्र खुले गेट को बंद करने का काउंट डाउन भी शुरू हो गया है. बांध का एक गेट 10 सेमी खुला है और 601 क्यूसेक पानी बनास नदी में अभी छोड़ा जा रहा है.
बांध से अभी जयपुर शहर को रोजाना 500 एमएलडी से ज्यादा पानी सप्लाई हो रहा है. इसी से जुड़ी मालपुरा-दूदू पाइप लाइन से 600 गांव व सात कस्बों में भी रोजाना जलापूर्ति होती है. झिराना-चाकसू पाइप लाइन से 984 गांव व कुछ कस्बों में पानी की आपूर्ति की जाती है. अजमेर शहर समेत 1100 से ज्यादा गांव, नसीराबाद, ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी, सरवाड़, पुष्कर, विजयनगर समेत आठ कस्बों में बांध से रोजाना जलापूर्ति होती है. टोंक समेत देवली, उनियारा कस्बों व इससे जुड़े 436 से ज्यादा गांवों और 773 ढाणियों भी बांध से रोजाना जलापूर्ति होती है.
बीसलपुर बांध निर्माण के बाद इस बार सातवीं बार छलका है. अब से पहले बांध अगस्त माह में छलका, वहीं इस साल पहली बार सितंबर में बांध के गेट खोले गए और पानी की निकासी डाउन स्ट्रीम में शुरू की गई. बीते एक पखवाड़े से बांध से रोजाना पानी की निकासी हो रही है. बांध के खुले छह में पांच गेट बंद हो चुके हैं और अभी खुले गेट संख्या 9 को भी उच्चतम लेवल को मेंटेन करते हुए बंद करने की कवायद शुरू हो गई है. त्रिवेणी में भी पानी का बहाव अब घटकर 2.90 मीटर आ चुका है जिसके चलते बांध में पानी की आवक भी अब धीमी चाल से हो रही है. बांध से अभी 601 क्यूसेक पानी 10 सेंटीमीटर ऊंचाई तक खुले एक गेट से की जा रही है.
जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल के अनुसार फिलहाल बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.50 आरएल मीटर पर स्थिर है और आवक हो रही पानी की अतिरिक्त मात्रा को ही डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जा रहा है. त्रिवेणी से पानी की आवक की लगातार निगरानी की जा रही है और डेम में पानी की आवक थोड़ा और घटने पर डेम के खुले एक गेट को बंद कर दिया जाएगा. बीसलपुर डेम में कुल 18 गेट हैं जो 15 गुना 14 मीटर साइज के हैं.बांध की लंबाई 576 मीटर व समुद्रतल से उंचाई 322.50 मीटर है. बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किमी है जिसमें से कुल 21 हजार 30 हैक्टेयर भूमि जलमग्न रहती है. बीसलपुर बांध से टोंक जिले में सिंचाई के लिए दायीं व बायीं दो मुख्य नहरों का निर्माण वर्ष 2004 में पूर्ण हुआ था. दायीं नहर की लंबाई 51 व बायीं नहर की लंबाई 18.65 किमी है. जिनसे टोंक जिले की 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है.दायीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 हैक्टेयर व बायीं से 12 हजार 407 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई कार्य होता है.
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/ रोहित