काठमांडू, 3 अक्टूबर . भारत के सिलीगुड़ी से नेपाल के झापा तक और नेपाल के अमलेखगंज से चितवन तक पेट्रोलियम की दो पाइप लाइन बिछाने के लिए नेपाल और भारत के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है.
गुरुवार को नई दिल्ली में नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने दो पाइपलाइनों के साथ ही झापा में 40,000 किलोलीटर की क्षमता वाला पेट्रोलियम भंडारण बनाने को लेकर भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. चंदिका प्रसाद भट्ट और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के निदेशक सेंथल कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के बीच इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. बीटूबी फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सचिव पंकज जैन और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष सतीश कुमार की उपस्थिति में किए गए.
भारत के सिलीगुड़ी से नेपाल के झापा के चाराली तक 50 किमी लंबी पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाई जाएगी. भारत चराली में 18,900 किमी की क्षमता वाला स्मार्ट ग्रीनफील्ड टर्मिनल बनाने के लिए अनुदान भी देने जा रहा है.
नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल के भारत भ्रमण के समय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर घोषणा की थी. इस घोषणा के तहत ही बारा जिला के अमलेखगंज से लेकर चितवन जिले के लोथर तक 62 किमी पेट्रोलियम पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा. इस निर्माण कार्य में भारत वित्तीय और तकनीकी मदद मुहैया कराएगा.
नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन चितवन के लोथर में 91,900 किलोलीटर की क्षमता वाले स्मार्ट ग्रीनफील्ड टर्मिनल के निर्माण में निवेश करेगा. निगम ने कहा कि इन परियोजनाओं की कुल लागत 15 अरब रुपये होगी. इससे पहले, नेपाल और भारत के बीच पहली अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम पाइप लाइन भारत के मोतिहारी से लेकर नेपाल के अमलेखगंज तक बनाई गई थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त 2019 में किया था. इस पाइपलाइन की लंबाई 69.1 किमी है.
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/ पंकज दास
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