Top News
Next Story
NewsPoint

मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना युवाओं के सपनों को रंग भरने में मददगार साबित

Send Push
image

उत्तराखंड। सरकार की ओर से चलाई जा रही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना युवाओं की हिम्मत को बड़ाने का काम कर रही है। कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत जी.एन.एम. का कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून के निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे हैं।

प्रशांत अब जर्मन भाषा में बी–2 का प्रशिक्षण पूरा करने का इंतजार कर रहे हैं, इसके बाद वो जर्मनी में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपये मासिक वेतन वाली नौकरी शुरू कर सकेंगे, जिसका ऑफर लेटर उन्हें पहले ही मिल चुका है।

इसके लिए चयनित सभी युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। दरअसल, सेवायोजन विभाग की मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।

योजना के तहत जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक 15 युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उक्त सभी युवा बीएससी नर्सिंग जीएनएम जैसे कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून में प्राइवेट जॉब कर रहे हैं।

अब वो विदेशी भाषा का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद जर्मनी में रोजगार कर उत्तराखंड के साथ देश का नाम रोशन करेंगे। उत्तराखंड सरकार के प्रयासों से इन युवाओं का चयन पहले ही जर्मनी के विभिन्न अस्पतालों में ढाई से साढ़े तीन लाख रुपये प्रतिमाह के वेतन पर हो चुका है।

केवल उन्हें इसके लिए जर्मन भाषा में बी–2 परीक्षा पास करनी है। योजना के तहत प्रशिक्षण ले रही देहरादून त्यागी रोड निवासी अवंतिका बताती हैं कि यदि वो बाहर से जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेती तो इसमें चार लाख रुपये तक का खर्च आता, लेकिन उत्तराखंड सरकार के अधीन आधे से कम खर्च में प्रशिक्षण मिल रहा है। उस पर सरकार के जरिए चयन होने से किसी तरह की ठगी की भी संभावना नहीं है।

वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।देहरादून रानीपोखरी निवासी आस्था शर्मा भी चयनित युवाओं में शामिल हैं। वे बताती हैं कि करीब एक साल के प्रशिक्षण पर औसत डेढ़ लाख का व्यय आ रहा है।

इसमें 20 प्रतिशत व्यय उत्तराखंड सरकार उठा रही है। वीजा खर्च भी शामिल है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उन्हें जर्मनी में दो साल का वर्क वीजा भी मिलेगा। टिहरी निवासी काव्य चौहान के मुताबिक उन्होंने सरकारी नौकरी के उद्देश्य से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन योजना की जानकारी के बाद उन्होंने जर्मनी में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया।

वहां नौकरी के लिए उन्हें ऑफर लेटर भी मिल चुका है। देहरादून निवासी प्रवीण लिंगवाल के मुताबिक इस योजना के कारण ही उनका विदेश में रोजगार का सपना पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रशिक्षणरत् युवाओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है।

राज्य के युवा मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं, इसलिए हमारी कोशिश है कि युवा शक्ति को कौशल प्रदान कर वैश्विक रोजगार के लिए तैयार किया जाए। ये युवा विदेश में उत्तराखंड ही नहीं, देश का भी नाम रोशन करेंगे।

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now