हरिद्वार। श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े ने आवाह्न अखाड़े की शर्ताें पर विचार नहीं किया तो आगामी प्रयागराज कुंभ से पूर्व आवाह्न अखाड़ा जूना अखाड़े का पूरी तरह साथ छोड़कर श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साथ जाने को मजबूर होगा।
श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 के लिए आवाहन, अग्नि, जूना अखाड़ों की बैठकें पहले हो जाएंगी। उसके पश्चात अखिल भारतीय षड् दर्शन अखाड़ा परिषद की बैठक व चुनाव होगा। बैठक दिपावली के बाद ही होगी।
इस दौरान यदि आवाहन अखाड़े की बातें जूना अखाड़ा नहीं मानता है तो जूना आवाहन के बीच वर्षों से चली आ रही सधि टूट सकती है। साथ ही अखाड़ा परिषद भंग होगी या फिर निर्वाणी अखाड़े का परिषद का अध्यक्ष होगा।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले स्थापित आवाह्न अखाड़े को दरकिनार कर कुछ अखाड़े अपना वर्चस्व चाहने लगे हैं। जबकि अपने को बड़ा दिखाने वाले अखाड़े आवाह्न के बहुत बाद में बने हैं। उन्होंने कहा कि यदि आवाह्न अखाड़े की शर्ताें को जूना अखाड़ा नहीं मानता है तो संधि टूटने की नौबत आएगी और फिर निर्वाणी अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष होगा।
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