जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रसिद्ध गलता पीठ पर प्रशासक नियुक्त करने के बाद व्यवस्थाएं पटरी से उतर रही हैं। यहां ना तो साफ-सफाई हो रही है और भगवान को भोग भी दुर्भर हो रहा है। साथ ही उत्सव भी बंद हो गए हैं। गलता में कार्यरत सेवादारों को वेतन तक नहीं मिल रहा। गलता तीर्थ में कार्यरत 60 पुजारियों-कर्मचारियों को पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिला, जिसके विरोध में मंगलवार को पुजारियों ने दिनभर उपवास रखा और राम नाम कीर्तन किया।
ये पुजारी कई सालों से गलताजी के मंदिरों में सेवा पूजा-अर्चना, भोग व साफ-सफाई का काम कर रहे थे। साथ ही गुरुकुल में अध्ययन-अध्यापन, गौ सेवा, अतिथि सेवा, यज्ञीय सेवा का जिम्मा भी इन्हीं के पास था। विभिन्न उत्सवों एवं पर्वों से भी इनका गुजारा हो जाता था, लेकिन जब से प्रशासक नियुक्त हुआ है, सब कुछ बंद हो गया। पुजारियों ने बताया कि अधिकारियों से बार-बार प्रार्थना करने पर भी हमारी सुनवाई नहीं होती। पुजारियों ने आरोप लगाया कि अफसर स्वयं का जन्मदिन मनाकर गलता परिसर में केक काट रहे हैं। 3 माह के राशन, दवाइयों, बच्चों के लिए दूध के लिए हमने श्रीवैष्णव मंडल जयपुर से प्रार्थना की। उनसे कुछ अनुदान राशि प्राप्त हुई। 3 माह में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी सहित प्रमुख त्योहार बिना वेतन के मनाने पड़े।
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