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Udaipur सब्सिडी का 'यूल' मिलते ही सरपट दौड़ी ट्रांसपोर्ट ट्रेन

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उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर केंद्र सरकार की ओर से फ्रेट (माल भाड़े) पर सब्सिडी मिलने से उदयपुर से देश के अन्य प्रदेशों में बड़ी मात्रा में सुपर फास्फेट भेजा जा रहा है। राणा प्रतापनगर और देबारी स्टेशन से ही एक माह में 50 से 60 माल गाड़ियां निकल रही है। इससे रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से माल गाड़ियों के माध्यम से सुपर फास्फेट की सप्लाई पर समय-समय पर सब्सिडी दी जाती है। चार माह पूर्व उदयपुर और आसपास के क्षेत्र की पांच-छह कंपनियों को हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड ने 5 लाख टन सुपर फास्फेट सप्लाई का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही माल गाड़ियों पर सब्सिडी भी शुरू कर दी है। इससे कंपनियां इस माल को देश के विभिन्न प्रदेशों में माल गाड़ियों के माध्यम से भिजवा रही है। इससे रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।

बड़ी संया में आ रही माल गाड़ियां : उदयपुर में इन दिनों बड़ी संया में मालगाड़ियां आ रही है। अधिकतर में एफसीआई के लिए गेहूं आते हैं। ये पंजाब और हरियाणा से आ रहे हैं। इसके साथ ही अन्य प्रदेशों से डीएपी खाद, यूरिया आदि भी उदयपुर भेजे जा रहे हैं।

50 हजार टन माल भेजा: उदयपुर के राणा प्रताप नगर स्टेशन पर गत चार माह में करीब 50 हजार टन सिंगल सुपर फास्फेट की सप्लाई अन्य प्रदेशों में हुई है। इससे रेलवे को करीब 9.75 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इन चार माह में इस स्टेशन पर अन्य प्रदेशों से करीब 80 हजार टन गेहूं, डीएपी खाद और यूरिया खाद आया है।

सब्सिडी से पूर्व नहीं गई गाड़ियां : केंद्र सरकार की सब्सिडी और ऑर्डर मिलने से पूर्व माह में इक्का-दुक्का माल गाड़ियां ही बाहर भेजी जा रही थी। जनवरी और फरवरी माह में एक भी माल गाड़ी बाहर नहीं भेजी गई, लेकिन सब्सिडी और बल्क में ऑर्डर मिलने से चार माह से माल गाड़ियों से माल भेजने की गति भी बढ़ गई।

सब्सिडी से सस्ती हुई सप्लाई

एक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की कंपनी हमें बताती है कि कौन सी किस्म का सुपर फास्फेट किस प्रदेश में और कितना भेजना है। उसके आधार पर हम उस माल की सप्लाई देते हैं। सड़क मार्ग से सप्लाई करने पर 200 किलोमीटर तक किसी प्रकार की सब्सिडी नहीं मिलती। इससे अधिक दूरी होने पर 500 रुपए प्रति टन की सब्सिडी मिलती है, जबकि वर्तमान में रेलवे के फ्रेट पर हमें मात्र 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्राप्त हो जाती है, जो काफी सस्ता पड़ता है।

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