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Bharatpur में मौसमी बीमारियों से सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ी

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भरतपुर न्यूज़ डेस्क, एक माह से बारिश बंद होने के बाद जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में जलभराव व गंदगी के कारण डीग में विभिन्न मौसमी बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। सितम्बर माह में डीग अस्पताल की ओपीडी में 25809 मरीजों का पंजीयन हुआ है। जबकि एक माह में 2600 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। अस्पताल में 16 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। जिसमें से अस्पताल में मात्र 8 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। जिसमें से दो दंत चिकित्सक हैं जबकि दो चिकित्सकों को प्रतिनिधि आधार पर लगाया गया है।

अस्पताल में महिला चिकित्सक, शिशु रोग विशेषज्ञ, शल्य चिकित्सक व नाक-कान विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त होने के कारण महिला व शिशु विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण बीमारियों से ग्रसित मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जितेन्द्र सिंह फौजदार का कक्ष हमेशा मरीजों से भरा रहता है। चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल के आउटडोर में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण कोई भी बेड खाली नहीं है। मंगलवार को सभी मरीज अस्पताल के बेड पर उपचार ले रहे थे, अन्य भर्ती मरीज बेड का इंतजार करते नजर आए। मंगलवार को करीब 1000 मरीजों ने ओपीडी में उपचार लिया तथा करीब 100 मरीज आउटडोर में भर्ती रहे। सीएचसी में जांच लैब में रोग की जांच करने पर एक व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाया गया। डीग में बारिश थमते ही जलभराव व गंदगी जमा होने से क्षेत्र में मलेरिया, वायरल,

निमोनिया, लूज मोशन, बुखार सहित विभिन्न मौसमी बीमारियों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। छोटे बच्चों से लेकर युवाओं में वायरल जुकाम, बुखार, लूज मोशन, पेट दर्द, सिर दर्द, बच्चों में निमोनिया, बुजुर्गों में निमोनिया जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। मौसमी बीमारियों के बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके चलते डॉक्टर के चैंबर, पर्ची खिड़की, जांच लैब व आउटडोर में मरीजों की कतारें लगनी शुरू हो गई हैं।

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